रायपुर (एजेंसी) | छत्तीसगढ़ की राजनीति में उठा पटक जारी है। अब भारतीय जनता पार्टी के नेता और अंतागढ़ टेप कांड से जुड़े नेता मंतूराम पवार को पार्टी ने निकाल दिया है। इस कार्रवाई को गलत ठहराते हुए मंतू ने कहा कि यह निष्कासन सही नहीं। मैं इसके खिलाफ कोर्ट जाउंगा।
टेपकांड से संबंधित सुनवाई में मंतू ने हाल ही में कोर्ट में दिए अपने बयान में कहा था कि अंतागढ़ उपचुनाव 2014 में डॉ रमन, अजीत जोगी, अमित जोगी और राजेश मूणत के बीच 7.5 करोड़ की डील हुई थी। तब मंतू कांग्रेस से अंतागढ़ के प्रत्याशी थे। नाम वापस लेने के कुछ समय बाद भाजपा में शामिल हुए थे।
कांग्रेस के संपर्क में नहीं मंतू
कांग्रेस पार्टी के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा- मंतूराम पवार हमारे संपर्क में नहीं है । अभी मंतूराम पवार का कांग्रेस प्रवेश के लिए कोई आवेदन कांग्रेस को नहीं मिला है। कांग्रेस प्रवेश के आवेदनों पर गुण दोष के आधार पर नेतृत्व द्वारा विचार किया जाता है। अंतागढ़ मामले में सच बोलते ही मंतूराम को भाजपा ने निकाल बाहर किया। इससे स्पष्ट है कि भाजपा में सच बोलने वालों की कोई जगह नहीं है।
7 सितंबर को न्यायिक मजिस्ट्रेट नीरज श्रीवास्तव की कोर्ट में पवार ने बयान में कहा कि मुझे चुनाव मैदान से हटने के लिए जान से मारने की धमकी मिली थी। यहां तक की कांकेर के एसपी ने फोन पर सीधे धमकी दी थी। मंतू के अनुसार अपनी जान बचाने के लिए ही उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार किया। मंतू ने कोर्ट में कहा है कि बाद में मुझे पता चला कि चुनाव मैदान से हटाने के लिए बड़ी राजनीतिक साजिश रची गई। मंतू के अनुसार मंत्री मूणत के बंगले में पैसों का लेन-देन हुआ। मंतू का कहना है उसे मालूम नहीं कि पैसे कहां गए।