रायपुर (एजेंसी) | दशहरा उत्सव के दौरान अमृतसर में पिछले साल हुए दर्दनाक हादसे के बाद रेलवे ने डब्लूअारएस मैदान पर दशहरा उत्सव के लिए लगाया गया प्रतिबंध सशर्त वापस ले लिया था। अमृतसर में पटरी पर बैठकर रावणदहन देख रहे लोगों को ट्रेन काटती हुई निकल गई थी। हादसे में 50 मौतों के बाद रेलवे पूरे देश में ऐसे मैदान और स्थलों पर उत्सव प्रतिबंधित किए थे, जिनमें भीड़ लगती है और ट्रेनें भी गुजरती हैं।
उसी कड़ी में रायपुर रेलवे ने भी डब्लूआरएस में दशहरा उत्सव पर कड़े प्रतिबंध लगाते हुए तत्कालीन दशहरा उत्सव समिति से भी सहमति ले ली थी। लेकिन इस बार समिति के नए पदाधिकारियों ने रेलवे से 8 अक्टूबर को इसी मैदान पर दशहरा उत्सव की सशर्त अनुमति दे दी है। राजधानी में डब्ल्यूआरएस का दशहरा मशहूर है। प्रदेश के कई शहरों से लोग डब्ल्यूआरएस मैदान में रावण दहन देखने आते रहे हैं।
पिछले साल अमृतसर हादसे के बाद रेलवे ने दशहरा उत्सव को दूसरे मैदान पर शिफ्ट करने का अाग्रह करते हुए इस मैदान को प्रतिबंधित कर दिया था। सुरक्षा के नजरिए से तब समिति तथा इसके संरक्षक तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत ने उत्सव को किसी और मैदान पर शिफ्ट करने की सहमति दे दी थी। लेकिन अब राजनैतिक हालात बदल गए हैं।
रायपुर पश्चिम विधायक विकास उपाध्याय और उत्तर विधायक कुलदीप जुनेजा ने डीआरएम कौशल किशोर से डब्ल्यूआरएस मैदान में रावण दहन के लिए अनुमति मांगी। पहले तो रेलवे प्रशासन अनुमति नहीं देने पर अड़ा रहा, लेकिन कई बार कहने के बाद डीआरएम ने सुरक्षा की जिम्मेदारी की शर्त पर अनुमति दे दी है। इसी के साथ एक बार फिर डब्ल्यूआरएस मैदान में रावण दहन कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी गई है।
तरुण दादा आयोजन करते थे, फिर मूणत, अब हम मनाएंगे
पश्चिम विधायक उपाध्याय ने डीआरएम से मिलकर कहा था कि डब्ल्यूआरएस में पूर्व मेयर व मंत्री तरुण चटर्जी दशहरा उत्सव का आयोजन करते थे। भाजपा की सरकार बनने के बाद तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत ने टेकओवर करते हुए 15 साल यहीं उत्सव मनाया। इस साल हम यहीं दशहरा उत्सव मनाएंगे क्योंकि यह मैदान उनके विधानसभा क्षेत्र से लगा हुअा है। उपाध्याय ने कहा कि रेलवे प्रशासन से सुरक्षा मामलों पर बात हुई है। रावण दहन के वक्त ट्रेनों को दोनों ओर के स्टेशनों में रोकने की बात भी की जा सकती है।
मैं इस बार आयोजन से अलग : मूणत
पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि अमृतसर में हुए दर्दनाक हादसे के रेलवे का सकुर्लर दिल्ली से आया था कि पटरी के किनारे कोई उत्सव नहीं होगा। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तभी हमने सहमति दे दी थी कि डब्लूआरएस मैदान पर दशहरा उत्सव नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि इस बार वे दशहरा उत्सव समिति से अलग रहेंगे, इसलिए जो लोग जिम्मेदार हैं, वही फैसला करेंगे।
शामिल होते हैं एक लाख लोग
डब्ल्यूआरएस दशहरा उत्सव देखने के लिए एक लाख से अधिक लोग डब्ल्यूआरएस मैदान में पहुंचते हैं। पिछले 17 सालों से भाजपा के कद्दावर मंत्री मूणत आतिशबाजी के साथ ही रामलीला सहित अन्य आयोजन करते रहे हैं। उनकी बहुत बड़ी टीम लगभग एक महीने पहले से तैयारी शुरु कर देती है। जानकारों का कहना है कि इस बार उनकी पुरानी टीम का कोई सदस्य डब्लूआरएस की दशहरा उत्सव समिति में सक्रिय नहीं है।