रायपुुर (एजेंसी) | अंतागढ़ उपचुनाव-2014 के पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार ने कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया है। इसमें पवार ने कहा है कि पूर्व सीएम रमन सिंह, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, पूर्व सीएम अजीत और अमित जोगी के बीच 7.5 करोड़ रुपए में चुनाव को लेकर डील हुई थी। ये जानकारी उसे कांकेर के नेता अमीन मेमन और फिरोज सिद्दीकी ने दी थी।
पवार के इस बयान के बाद राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद पंडरी थाने में अंतागढ़ उपचुनाव को लेकर पूर्व महापौर व कांग्रेस नेता किरणमयी नायक ने केस दर्ज कराया था। उसी की जांच एसआईटी कर रही है। इसी केस की सुनवाई के दौरान शनिवार को मंतूराम का बयान हुआ।
न्यायिक मजिस्ट्रेट नीरज श्रीवास्तव की कोर्ट में पवार ने बयान में कहा कि मुझे चुनाव मैदान से हटने के लिए जान से मारने की धमकी मिली थी। यहां तक की कांकेर के एसपी ने फोन पर सीधे धमकी दी थी। मंतू के अनुसार अपनी जान बचाने के लिए ही उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार किया।
मंतू ने कोर्ट में कहा है कि बाद में मुझे पता चला कि चुनाव मैदान से हटाने के लिए बड़ी राजनीतिक साजिश रची गई। इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह, अजीत जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और अमित के बीच सौदा हुआ। मंतू के अनुसार मंत्री मूणत के बंगले में पैसों का लेन-देन हुआ। मंतू का कहना है उसे मालूम नहीं कि पैसे कहां गए, उसे एक फूटी कौड़ी नहीं मिली। वह इस डील में शामिल ही नहीं था। मंतू के अनुसार वह पहले से चुनाव लड़ने को तैयार नहीं था। मंतू के अनुसार वह जहां रहता है, वहां कोई भी कुछ भी करवा सकता है, उसने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव को बताया भी था। फिर भी उसे टिकट दे दिया गया। टिकट मिलने के बाद सीधे धमकी मिलने लगी। अत: उसे नाम वापस लेना पड़ा।
इस बयान के बाद मंतूराम पवार ने डीजीपी को पत्र लिखकर जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि चूंकि मेरे सभी दुश्मन प्रदेश के बड़े राजनीतिक लोग हैं जिनसे मुझे जान का खतरा हो गया है इसलिए उनके बांदे स्थित पेट्रोल पंप और निवास पखांजुर में सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।
मंतूराम पवार ने सर्किट हाऊस में मीडिया से कहा कि इस मामले में बड़े पैसों का लेन-देन हुआ है। उसे पता चला है कि बीचौलियों को ही दो-दो, तीन-तीन करोड़ रुपए मिले हैं, तो डील भी बड़ी ही रही होगी। गौरतलब है कि उपचुनाव के एक साल बाद 2015 में एक ऑडियो वायरल हुआ था। इसमें कथित रूप से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके बेटे और पूर्व विधायक अमित जोगी, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद डाॅ. पुनीत गुप्ता के बीच पैसों के लेन-देन को लेकर बातचीत थी। इस पर जमकर बवाल हुआ था।
झीरमकांड का भी बयान में जिक्र किया
बयान में मंतूराम ने झीरमकांड का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, जब उसे धमकी मिली तो झीरम घटना याद आ गई। उस घटना में राज्य के कई बड़े नेताओं काे मार दिया गया। वह डर गया। उसे लगा उसके साथ भी ऐसी घटना हो सकती है। इस वजह से उसने चुनाव मैदान से पीछे हटने का फैसला कर लिया।
फिरोज सिद्दीकी ने फोन पर कराई पूर्व सीएम रमन सिंह से बात, उन्होंने कहा-जो बोल रहे हैं करो
मंतू ने कोर्ट में दिए बयान में कहा है कि फिरोज ने उससे फोन पर डा. रमन से बात करवायी। उन्होंनें मुझसे कहा कि तेरी इच्छा है देख ले, या फिर जो बोल रहे हैं वो करना। मंतू के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री ने उससे केवल इतना कहा और फोन काट दिया। वे उस समय पारिवारिक कारणों से विदेश में थे। मंतू ने अपने बयान में ये भी कहा कि नाम वापसी के पहले उनके पास कांकेर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक का भी धमकी भरा फोन आया था। उन्होंने कहा आपके पता होगा क्या करना है, क्योंकि आपके संज्ञान में डालता हूं कि 9 प्रत्याशी और थे जिन्होंने अपना नाम वापस ले लिया है। अगर वे भी नाम वापस नहीं लेते तो उनके साथ कोई भी घटना घटित हो सकती थी।