रायपुर: एक्सप्रेस-वे की खराब सड़कें तोड़कर बनाने का काम शुरू होगा 10 दिन में, 2 माह बाद खुलेगी रोड

रायपुर (एजेंसी) | स्टेशन से शदाणी दरबार तक करीब 12 किमी की एक्सप्रेस-वे में सड़कें धंसने की जांच रिपोर्ट सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसके अध्ययन के बाद कमजोर हिस्सों के दोबारा निर्माण के बारे में फैसला करेंगे। सूत्रों के मुताबिक हफ्तेभर में फैसला हो जाएगा और अगले 10 दिन में फ्लाईओवर की सड़कें तथा प्लेन सड़कें जरूरत के मुताबिक उखाड़कर दोबारा बनाने का काम शुरू होगा।

तकनीकी जानकारों के मुताबिक कमजोर हिस्से को दोबारा निर्माण की वजह से इस सड़क को दो- ढाई माह बाद खोला जाएगा। कोशिश की जा रही है कि 26 जनवरी को इसका औपचारिक लोकार्पण किया जाए। इधर, सभी 5 फ्लाईओवर के नीचे बनी सर्विस रोड की चौड़ाई 5 से 10 फीट बढ़ाने तक का काम बुधवार को शुरू कर दिया गया है।

अफसरों ने बताया कि पूरा काम परफार्मेंस गारंटी के तहत संबंधित ठेकेदार से करवाया जाएगा। इसमें शासन की ओर से पैसे खर्च नहीं किए जाएंगे। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों की टीम अभी मुख्य तकनीकी परीक्षक (सीटीई) और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनअाईटी) की जांच रिपोर्ट के बारीकी से अध्ययन में लगी है। अध्ययन इसलिए किया जा रहा है कि जहां सड़कें कमजोर पाई गईं, वहां पूरी उखाड़ी जाएंगी या फिर थोड़ा पैच उखाड़कर मरम्मत करने से बात बन जाएगी।

दिन-रात चलाया जाएगा काम

पीडब्ल्यूडी महकमा एक्सप्रेस-वे पर नए सिरे से काम चौबीसों घंटे चलाने के पक्ष में है, ताकि इसे जल्द से जल्द शुरू किया जा सके। पूरा काम देवेंद्रनगर को जंक्शन बनाकर किया जाएगा। शासन ने एक्सप्रेस-वे पर लगभग 450 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसमें 320 करोड़ रुपए से सड़क बनी है और रेलवे को 132 करोड़ रुपए मुआवजा दिया गया है। इतना पैसा खर्च होने के बाद भी जब लोगों ने एक्सप्रेस-वे खुद शुरू कर दी थी, तब भी देवेंद्र नगर, शंकर नगर, पंडरी और तेलीबांधा में जाम लग रहा था। तब इस सड़क की उपयोगिता के प्लान पर भी सवाल उठ गए थे।

स्काईवाॅक 6 माह ऐसा ही रहेगा

स्काईवॉक के निर्माण को लेकर शासन स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। एक बार फिर से सामान्य सुझाव समिति की बैठक अगले महीने होगी और इसकी उपयोगिता पर मुहर लगने की संभावना है। हालांकि जानकारों का कहना है कि स्काईवॉक पर पीडब्ल्यूडी महकमा फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रहा है। इस बात पर भी लगभग सहमति बन गई है कि इसे पूरा तोड़ना नुकसानदेह होगा। इसलिए इसके बारे में अंतिम फैसला करने तथा उसके अनुरूप इसके बदलाव में कम से कम छह महीने और लग जाएंगे। माना जा रहा है कि इसके कुछ हिस्से को पूरा कर स्काईवाॅक ही शुरू किया जा सकता है।

जहां रेललाइन थी, वहां पूरा ठोस किनारों को मजबूत नहीं कर पाए

विशेषज्ञों ने भास्कर को बताया कि यह सड़क रेलवे लाइन के ऊपर बनी है। रेललाइन डालने के लिए रेलवे पटरियों के नीचे के हिस्से को काफी ठोस बनाता है। यही वजह है कि एक्सप्रेस-वे के बीचोबीच डिवाइडर से दोनों ओर लगभग 10-10 फीट का हिस्सा ठोस है। डिवाइडर के दोनों ओर इसके ऊपर बनी सड़क मजबूत है। लगभग हर रेलवे लाइन के दोनों किनारे पर दलदल रहता है या जमीन नम रहती है। दोनों ओर यही हिस्सा कमजोर था, जिसे अच्छी तरह ठोस नहीं किया गया और सड़क बना दी गई। यही वजह है कि पूरी सड़क में कई जगह किनारे वाला हिस्सा ज्यादा धंसा है।

हालांकि टीम इस बात का अध्ययन भी कर रही है कि आखिर फ्लाईओवर के ऊपर की सड़कें किस वजह से कमजोर थीं और टूट गईं। सूत्रों ने बताया कि पांचों ही पुलों की सड़कों को फिर से बनाने के निर्देश दिए जा सकते हैं। लेकिन तेलीबांधा और फाफाडीह के फ्लाईओवर की सड़क को सबसे पहले उखाड़कर बनाया जाएगा। इसके बाद बाकी तीन फ्लाईओवर की सड़कें ठीक की जाएंगी।

सर्विस रोड पर पहुंचे सीएस मंडल, काम शुरू करवाया

मुख्य सचिव आरपी मंडल ने बुधवार को लगातार दूसरे दिन एक्सप्रेस-वे के फ्लाईओवर के नीचे बनी सर्विस रोड पर पहुंच गए और अफसरों को मौके पर ही बुलवा लिया। उन्होंने देवेंद्रनगर एप्रोच रोड का मुआयना किया और अफसरों को निर्देश दिए कि इसकी चौड़ाई किस तरह बढ़ाई जा सकती है। गौरतलब है, सीएस मंडल खुद भी इंजीनियर हैं। इसके बाद देवेंद्रनगर ही नहीं, पांचों फ्लाईओवर के नीचे वाली सर्विस रोड की चौड़ाई बढ़ाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसे 10 दिन में पूरा करने की संभावना है।

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