छत्तीसगढ़: अंतागढ़ टेप कांड – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ट्‌वीट, ‘षड्यंत्रकारियों को राजनेता कहना ठीक नहीं’

रायपुर (एजेंसी) | छत्तीसगढ़ में सियासी माहौल बेहद गर्म है। राज्य की राजनीति के प्रमुख चेहरों पर खरीद फरोख्त के दाग लग रहे हैं। इन्हीं राजनेताओं पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को सोशल मीडिया में एक पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा कि, अंतागढ़ चुनाव धांधली के बारे में हमारे आरोप सही साबित हुए, लोकतंत्र की हत्या का षडयंत्र हमारी आशंका से ज़्यादा गहरा निकला। मैं इसे राजनीति मानने से इनकार करता हूं और इन सभी षड्यंत्रकारियों को राजनेता कहना ठीक नहीं समझता। शर्मनाक!!! कानून अपना काम करेगा।

कांग्रेस ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा- राजनीति छोड़ें डॉ रमन

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन, महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। इन नेताओं ने कहा कि अब रमन सिंह, राजेश मूणत, अजीत जोगी और अमित जोगी को राजनीति छोड़ देनी चाहिए। इससे वर्ष 2014 में अंतागढ़ उपचुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी के ख़रीद-फख़्रोत की पूरी कहानी साफ़ हो गई है। मंतूराम पवार ने कहा था कि उन्हें एसपी ने धमकाया था कि उनका भी हश्र झीरम की तरह कर दिया जाएगा। इस बयान से यह भी स्पष्ट हुआ है कि न केवल अंतागढ़ बल्कि झीरम में भी रमन सरकार की भूमिका थी।


पत्रकारों से बात-चीत में कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि  चारों राजनेताओं अगर अपने दावों के अनुसार बेकसूर हैं तो चारों को अंतागढ़ मामले की जांच में सहयोग करना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को अपने दामाद पुनीत गुता को वॉइस सेंपल देने के लिए कहना चाहिए। वाइस सेम्पल देने में चल रहा हीला हवाला अब बंद होना चाहिए। इस बात की भी विस्तृत जांच होनी चाहिए कि सौदे के लिए जो सात करोड़ दिए गए वह राशि तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत के पास कहां से आए। इस डील में बिचौलियों की भी जांच हो और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

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