रायपुर (एजेंसी) | छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दशहरा महोत्सव सम्पन्न हुआ। यह कार्यक्रम हर बार डब्ल्यूआरएस कॉलोनी मैदान में आयोजित किया जाता है। राज्यपाल अनुसूइया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधायक कुलदीप जुनेजा, विकास उपाध्याय और महापौर प्रमोद दुबे समेत शहर के हजारों लोग मैदान में मौजूद थे। यहां अतिथियों के संबोधन के बाद रावण दहन का कार्यक्रम हुआ।
101 फीट ऊंची रावण मूर्ति जोरदार धमाके के साथ जली। नीचे खड़े लोग जय श्री राम के नारे लगा रहे थे। मेघनाथ और कुंभकर्ण के विशाल काय पुतले भी जलाए गए। बुराई पर अच्छाई का यह पर्व शहर में इसी अंदाज में पिछले 50 सालों से जारी है। प्रदेशभर के सभी शहरों में मंगलवार की शाम इसी तरह धूम-धाम से रावण दहन किया गया।
5 हजार मीटर कपड़े और 1 टन कागज से बने थे पुतले
यहां 101 फीट का रावण और 85-85 फीट के कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले तैयार किए गए थे। इतने बड़े तीन पुतले बनाने के लिए 5 हजार मीटर कपड़ा और 1 टन कागज का इस्तेमाल किया गया। कपड़े और कागज के अलावा 5 हजार किलो बोरा, 100 किलो सूतली, 600 किलो नारियल जूट रस्सी और 1800 नग बांस भी पुतले बनाने में यूज की गई । पिछले 12 दिनों से 85 कारीगर रोज 10 से 12 घंटे की मेहनत से इन्हें तैयार कर रहे थे। सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति के सचिव राधेश्याम विभार ने कार्यक्रम में रामलीला का मंचन और कल्चरल परफॉर्मेंस भी की गई।
ट्रेनों की स्पीड की गई कम
आयोजन स्थल के पास रेलवे ट्रैक भी जिससे ट्रेने गुजरती हैं। कार्यक्रम के चलते सावधानी बरतते हुए इस बार रेलवे ने खास व्यवस्था की थी। पिछली बार पंजाब के अमृतसर में हुए हादसे की वजह से सुरक्षा का खास ख्याल रखा गया। रावण दहन के दौरान ट्रेनों की स्पीड 15 से 20 किलोमीटर प्रतिघंटा के बीच रखी गई। जरूरत पड़ने पर ट्रेनों को रोकने के भी निर्देश दिए गए थे। मुंबई से आए कलाकारों ने यहां आतिशबाजी भी की। करीब 45 मिनट तक आसमान रंगीन रोशनियों से भरा नजर आया।