छत्तीसगढ़: जिला संवर्गो में आरक्षण अब जनसंख्या के आधार पर; 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदेगी सरकार

रायपुर (एजेंसी) | राज्योत्सव से पहले शुक्रवार को प्रदेश की भूपेश सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। भूपेश सरकार ने तय कर लिया है कि जो वादा चुनाव से पहले किया था उसे पूरा किया जा रहा है। किसानों से सरकार 2500 रुपए प्रति क्विंटल पर धान खरीदेगी। इसके लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश में धान खरीदी की शुरुआत 1 दिसंबर से होगी। वहीं जिला संवर्गों में आरक्षण अब जनसंख्या के आधार पर होगा। मौजूदा आरक्षण सिस्टम में इसे जोड़ने से कुल आरक्षण 100 फीसदी से ज्यादा हो जाएगा, इसके चलते यह निर्णय लिया गया है।

कुछ जिलों संवर्ग के पदों में आरक्षण का प्रावधान पहले से लागू, इसलिए संशोधन

कैबिनेट की मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए गए। इसके तहत राज्य सरकार ने आरक्षण के प्रावधान में बड़ा संशोधन किया है। कुछ जिलों में जिला संवर्ग के पदों में आरक्षण का प्रावधान पहले से लागू था, इसके चलते मौजूद आरक्षण (ओबीसी का 27%, गरीब सवर्णो का 10% और एससी/एसटी के नए आरक्षण) नियमों को लागू किया जाता तो ये 100 फीसदी से भी ज्यादा हो जाता। ऐसे में अब जिलों में ओबीसी व गरीब सवर्णों के आरक्षण को जनसंख्या के आधार पर तय करने का फैसला लिया है।

कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा में मंत्री रविंद्र चौबे, मो. अकबर और अमरजीत भगत ने कहा कि हालांकि एससी और एसटी वर्ग के लिए जिला संवर्ग के पदों में आरक्षण की व्यवस्था पहले की ही तरह रखी गई है। इसके बाद बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा सहित कई अन्य जिलों में जिला संवर्ग के पदों में संशोधित आरक्षण का नियम लागू किया जाएगा। साथ ही सरकार की ओर से यह भी कहा कि गया कि 14500 शिक्षकों की भर्ती प्रकिया जारी है। उसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

19 लाख किसानों का हुआ पंजीयन, तारीख एक सप्ताह और बढ़ाई गई

मंत्रियों ने कहा कि किसानों से जो भी वादा हमने किया है उसे पूरा करेंगे। अगर केंद्र सरकार सहयोग नहीं भी करती है तो भी किसानों का अहित नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले धान पर विशेष नजर रखी जाएगी। अगर बाहरी राज्यों का धान छत्तीसगढ़ में खपाने का मामला सामने आता तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। खरीदी केंद्र के अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी। किसान का पंजीयन भी रद्द किया जाएगा और गिरफ्तारी होगी। इस बार 19 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है। पंजीयन की तारीख़ को एक सप्ताह और बढ़ा दिया गया है।

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