भूपेश सरकार के कैबिनेट का फैसला- किसानों से धान खरीदने के लिए 21 हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया जाएगा

रायपुर (एजेंसी) | धान खरीदी को लेकर केंद्र से चल रहे राजनीतिक झगड़े में अब तक कोई रिजल्ट आता न देख प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में किसानों से धान खरीदीने के लिए 21 हजार करोड़ रुपए कर्ज लेने का फैसला किया है। खरीदी 1 दिसंबर से होगी। इसके लिए 1350 से अधिक खरीदी केंद्र भी बना लिए गए हैं। अपना धान बेचने करीब 19.70 लाख किसानों ने पंजीयन करा लिया है। सरकार हर किसान से 15 क्विंटल धान खरीदेगी।

इस पर सरकार करीब 15 हजार करोड़ खर्च करेगी। और गुरुवार को कैबिनेट ने द्वितीय अनुपूरक बजट में इसे शामिल करने की अनुमति भी दे दी है। यह राशि धान खरीदी के साथ-साथ जरूरत के आधार पर ली जाएगी। इसके अलावा 6 हजार करोड़ बोनस के रूप में देने का फैसला लिया है। केंद्र ने धान के लिए 1815 का एमएसपी तय किया है और सरकार की घोषणा अनुसार 2500 रुपए में खरीदने पर उसे 685 रुपए अपने खजाने से देने होंगे।

विवाद इसलिए

केंद्र सरकार ने किसानों को राज्य सरकार द्वारा बोनस देने पर सेंट्रल पूल में ज्यादा चावल लेने से इंकार कर दिया है। इसे लेकर सीएम भूपेश बघेल चार बार पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख चुके हैं। इसके अलावा केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी मिल चुके हैं। जब केंद्र की ओर से कोई पहल नहीं की गई, तब राज्य सरकार ने अपने दम पर खरीदी का फैसला किया।

आगे का संकट

पिछले साल प्रदेश में 80.40 लाख मीट्रिक टन धान उत्पादन हुआ था। इसमें से 42.40 लाख मीट्रिक टन पीडीएस के उपयोग में आया, जबकि 32 लाख मीट्रिक टन धान बच गया। इस बार ज्यादा धान आने के आसार हैं। ऐसे में सरकार एथेनॉल बनाने की तैयारी में है। इससे पहले पीडीएस के बाद बचे धान काे सड़ाकर बीयर के लिए भी इस्तेमाल किया जाता रहा है।

आज से कांग्रेसी बजाएंगे नगाड़ा भाजपा ने जारी किया वीडियो

  • कांग्रेसी भाजपा के सांसदों को जगाने के लिए उनके घर के सामने आज से नगाड़ा बजाएंगे। जिला व ब्लॉक अध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं।
  • भाजपा ने सोशल मीडिया पर उस दिन का वीडियो जारी किया है, जिसमें घोषणा पत्र जारी करते हुए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सवाल किया था कि इतने पैसे कहां से आएंगे और स्थानीय नेताओं ने उनके पास व्यवस्था होने की बात कही थी।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार वादा पूरा करेगी। हर हाल में 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदेंगे। सरकार अनाज का अपमान नहीं होने देगी। किसानों को धान की भरपूर कीमत मिलने के कारण ही छत्तीसगढ़ में मंदी की स्थिति नहीं है।
  • केंद्र सरकार से केंद्रीय पूल का चावल लेने के लिए हमारी कोशिश जारी है। लोगों के हक की आवाज दिल्ली तक जरूर पहुंचेगी। केंद्र ने पिछले दो साल छूट क्यों दी थी?

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सरकार धान खरीदी में विलंब कर किसानों से किया वादा निभाने में असफल रही है। उनकी नीति किसान और विकास के विपरीत है। अब तक खरीदी शुरू नहीं हुई, इसलिए किसान मजबूरी में 1200-1400 रुपए में बिचौलियों के हाथों धान बेच रहे हैं। 20 हजार क्विंटल से ज्यादा धान बिचौलियों के हाथों बेचा जा चुका। बॉर्डर पर जितना धान रोकना है रोकें, पर किसानों को बेईमान मत समझिए।

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