रायपुर | छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में महापौर चुनाव को लेकर सोमवार को सियासत गरमा गई है। एक ओर जहां निगम में पार्षदों के शपथ ग्रहण के बाद मेयर निर्वाचन की प्रक्रिया चल रही है, वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता सड़कों पर उतर आए हैं। महापौर चुनाव का अवैधानिक बताते हुए भाजपा नेता राज्य निर्वाचन आयुक्त कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए हैं।
भाजपा नेताओं का कहना है कि चुनाव की सूचना निगम आयुक्त ने जारी की है, जबकि कलेक्टर को जारी करनी चाहिए। उन्होंने इसके खिलाफ कोर्ट जाने के भी संकेत दिए हैं। ज्ञापन सौंपकर मेयर चुनाव निरस्त करने की मांग रखी। इसके साथ ही पार्षदों और नेताओं ने चुनाव में धांधली करने का आरोप राज्य सरकार पर लगाया है।
महापौर चुनाव की तिथि बदलने की मांग, सरकार पर चुनाव में धांधली का आरोप
नगर निगम में सोमवार सुबह शपथ ग्रहण के बाद भाजपा के नवनर्वाचित पार्षद वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के साथ पार्टी प्रदेश कार्यालय एकात्म परिसर पहुंचे। यहां हुई बैठक के बाद विधायक बृजमोहन, पूर्व मंत्री राजेश मूणत के नेतृत्व में पार्षद राज्य निर्वाचन आयुक्त कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपकर मेयर चुनाव निरस्त करने की मांग रखी। इसके साथ ही पार्षदों और नेताओं ने चुनाव में धांधली करने का आरोप राज्य सरकार पर लगाया है। फिलहाल सभी आयुक्त कार्यालय के बाहर ही धरने पर बैठे हैं।
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि मेयर के चुनाव की सूचना असंवैधानिक रूप से जारी की गई है। नियमानुसार, सूचना नगर आयुक्त को जारी करने का अधिकार नहीं है। इसे कलेक्टर को जारी करना चाहिए था। वहीं पहले सूचना 28 दिसंबर को जारी की गई और फिर 4 जनवरी को। इसके बाद 7 दिन का समय मिलना चाहिए, लेकिन एक दिन बाद ही चुनाव की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर मेयर चुनाव की तिथि नहीं बदली गई तो वह कोर्ट जाकर चुनाव को निरस्त कराएंगे।