सियासी घमासान: भट्‌ट बोले- राशन घोटाला उजागर किया इसलिए नान का ठीकरा मुझपर फोड़ा; चिंतामणि से 12 घंटे पूछताछ

रायपुर (एजेंसी) | नान घोटाले के आरोपी शिवशंकर भट्‌ट ने एसआईटी का ऑफर स्वीकार कर लिया है, यानि अब वो सरकारी गवाह बनेंगे। राजधानी में भट्‌ट ने रविवार को प्रेसक्लब में मीडिया से कहा कि पूर्व सीएम डाॅ. रमन सिंह, पूर्व खाद्यमंत्री पुन्नूलाल मोहिले आैर भाजपा नेता लीलाराम भोजवानी नान घोटाले के मास्टरमाइंड हैं। भटट् ने घोटाले को नान के बजाय राशन घोटाला बताते हुए मामले की नए सिरे से जांच की मांग की। भट्‌ट ने कहा कि उन्होंने राशन घोटाला उजागर किया इसलिए नान का ठीकरा उनपर फोड़ा गया।

दूसरी ओर शिवशंकर भट्‌ट के शपथ-पत्र के आधार पर नान के लेखाधिकारी चिंतामणि चंद्राकर को हिरासत में लेकर 12 घंटे पूछताछ की गई। ईओडब्ल्यू की टीम ने दुर्ग पुलिस के साथ सुबह करीब 6 बजे उनके घर दबिश दी। चिंतामणि की ओर से घर का दरवाजा नहीं खोला जा रहा था। फिर पुलिस ने आय से अधिक संपत्ति के एक लंबित मामले में राजनांदगांव चलने की बात कही, तब पत्नी लता चंद्राकर ने दरवाजा खोला। इसके बाद ईओडब्ल्यू टीम उन्हें राजनांदगांव ले जाने की बात कहकर निकल गई। लेकिन चिंतामणि को सीधे रायपुर ले जाया गया। जहां देर शाम 8 बजे तक उनसे पूछताछ चली। लता ने सुबह करीब 10 बजे पति के अपहरण की पद्मनाभपुर चौकी में शिकायत दर्ज कराई।

शिवशंकर बोले- रमन पर मानहानि का दावा करूंगा

मैंने राशन घोटाला उजागर किया इसलिए नान घोटाले का ठीकरा मुझ पर फोड़ा गया। राशन घोटाले को छुपाने के लिए नान में छापा मरवाया। 10 लाख टन चावल के अतिरिक्त उपार्जन का दबाव डाला गया। 2014 में ऐसी क्या स्थिति बन गई थी कि नान पर अतिरिक्त उपार्जन का दबाव डाला गया। सितंबर 2013 चुनाव के ठीक पहले 72 लाख राशनकार्ड बनाए गए और रातों-रात चावल सप्लाई का आदेश हमें दिया गया।

हमने इस पर सवाल उठाया लेकिन हमें नौकरी से निकालने की धमकी दी गई। विधान सभा चुनाव के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि 12 लाख राशन कार्ड फर्जी हैं, जबकि हमने कहा था कि 21 लाख फर्जी हैं। निरस्त करने की बात कही गई, लेकिन आज तक कार्ड निरस्त नहीं हुए। इन्हीं के जरिए कमाई होती थी। नान की डायरी में सीएम मैडम का जिक्र है। मैं खुद डॉ. रमन सिंह का ओएसडी रहा हूं, कई जिम्मेदार पदों पर भी रहा हूं। अगर अपराधी होता, तो क्या रहता। मेरे साथ फंसे हुए 11 लोगों को जमानत दे दी गई, लेकिन मुझे नहीं मिली। मैंने बोलना शुरू किया इसलिए मुझे अंदर डाल दिया। विधि विशेषज्ञों से राय लेकर रमन सिंह पर मानहानि का दावा करूंगा।”-शिवशंकर भट्‌ट (मीडिया से बातचीत के दौरान) .

मैं ईओडब्ल्यू ऑफिस पहुंची पर पति से मिलने नहीं दिया – लता चंद्राकर, चिंतामणि की पत्नी

रविवार सुबह 4 लोग पति को राजनांदगांव का घर दिखाने की बोलकर ले गए। घंटेभर बाद भी जब पति राजनांदगांव नहीं पहुंचे, तो पुलिस को इसकी सूचना दी। मुझे जब जानकारी मिली कि ईओडब्ल्यू उन्हें साथ ले गई है तो मैं रायपुर में उनके ऑफिस पहुंची। लेकिन मुझे पति से मिलने तक नहीं दिया गया।

चिंतामणि चंद्राकर पर कार्रवाई इसलिए

शिवशंकर भट्‌ट के शपथपत्र के मुताबिक नान घोटाले में 18 लाख मीट्रिक टन धान का अतिरिक्त उपार्जन कराया गया था, इससे करीब 236 करोड़ की क्षति हुई। चिंतामणि चंद्राकर का नाम इस पूरे मामले में 12 फरवरी 2015 को हुई 1.62 करोड़ की फर्जी जब्ती में सामने आया। शिवशंकर ने हलफनामे में कहा है कि किसी प्रकार की जब्ती नहीं बनाई गई। कौशलेंद्र सिंह, गिरीश शर्मा व चिंतामणि चंद्राकर के साथ मिलकर फर्जी जब्ती बनाई गई।

जबकि एसीबी की कार्रवाई में महज 5 हजार रुपए ही बरामद हुए थे। चिंतामणी पर सप्लायरों व राइस मिलर्स से लेनदेन के भी आरोप हैं। शपथ-पत्र में कहा गया है कि चिंतामणि की प्रदेश में कई बड़े लोगों के साथ साझेदारी है। भट्‌ट के अनुसार जो जब्ती उनके नाम पर दिखाई गई है वह कौशलेंद्र व चिंतामणि के हैं। चिंतामणि के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में ईओडब्ल्यू द्वारा पहले से जांच की जा रही है। 19 अगस्त को छापा मारने के बाद ईओडब्ल्यू ने चिंतामणि के पास 50 करोड़ से अधिक की संपत्ति की आशंका जताई थी। मामला अभी विचाराधीन है।

और इधर, बेटे के बेहतर इलाज के लिए बघेल से मिलीं रेणु जोगी

कोटा विधायक रेणु जोगी बेटे अमित के बेहतर इलाज के लिए सीएम भूपेश बघेल से मिलीं। बघेल ने उन्हें अमित का बेहतर इलाज करवाने का आश्वासन दिया। मुलाकात के बाद रेणु ने कहा- मां होने के नाते बेटे की चिंता है। 20 साल पहले बेटी खोई थी, अब असावधानी नहीं चाहती। अमित को दो दिन पहले देखा था, उन्हें दवाओं के साइड इफेक्ट होने का अंदेशा है।

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