रायपुर (एजेंसी) | छत्तीसगढ़ सरकार इस बार 85 लाख टन धान ही खरीदेगी, इसलिए दूसरे राज्यों से तस्करी कर यहां लाए जा रहे धान पर अब सख्ती बढ़ा दी गई है। एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो रही है। वही ,प्रदेश के विभिन्न जिलों में धान का अवैध परिवहन करते हुए पाए जाने पर 63 वाहनों सहित 19 हजार 33 क्विंटल धान जब्त किया गया है।
आपको बता दे 15 क्विंटल प्रति एकड़ की लिमिट के हिसाब से यहां के किसान ही अपना पूरा धान नहीं बेच पाएंगे, इसलिए प्रशासन मध्यप्रदेश, ओड़िशा, महाराष्ट्र और झारखंड से आने वाले धान को रोकने के लिए राजनांदगांव, कवर्धा, रायपुर, महासमुंद, गरियाबंद, कांकेर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, बिलासपुर, जशपुर और सरगुजा को मिलाकर 11 जिलों में तकरीबन 100 अफसरों की टीमों के साथ सड़क पर आ गया है।
शनिवार से रविवार तक इन जिलों में अलग-अलग जगह 100 से ज्यादा ट्रक और छोटे मालवाहनों से 21 हजार क्विंटल धान जब्त कर लिया गया है। इसका मूल्य सवा 5 करोड़ रुपए आँका गया है। अवैध धान परिवहन के 190 प्रकरण बनाए गए हैं। इनमें एक मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। शेष प्रकरणों पर मंडी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।
केंद्र सरकार का धान खरीदने से इंकार
छत्तीसगढ़ में मध्यप्रदेश, ओडिशा, झारखंड और महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा धान का अवैध परिवहन होता है। केन्द्र सरकार ने इस बार सेंट्रल पूल में छत्तीसगढ़ का चावल लेने से मना कर दिया है। ऐसे में राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में ही पैदा होने वाले धान की खरीदी करना चाह रही है। लेकिन सरकार द्वारा दिए जा रहे 25 सौ रुपए क्विंटल की आड़ में हर साल की तरह इस बार भी दूसरे राज्यों के बिचौलिए सक्रिय हो गए हैं।
बाॅर्डर पर लगाए चेकपोस्ट लेकिन शहर के भीतर धरे जा रहे वाहन, मंत्रियो का भी मोर्चा
सीएम बघेल ने सभी मंत्रियों को अपने प्रभारी जिलों की जिम्मेदारी दी गई। उनसे कहा गया है कि वे अपने जिलों के बार्डर का दौरा कर धान का अवैध परिवहन करने वाले वाहनों और व्यापारियों पर नजर रखें। इसी तरह कांग्रेस संगठन ने भी अपने जिला, ब्लाक और प्रदेश स्तर पर कमेटी बनाकर धान के अवैध परिवहन को पकड़वाने में मदद करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
इसके साथ ही मुख्य सचिव आरपी मंडल ने संभाग कमिश्नर और कलेक्टराें की बैठक में सीमावर्ती जिलों से आने वाले अवैध धान को रोकने के लिए चेकपोस्ट बनाकर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। अवैध धान परिवहन रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों में चाकचौबंद व्यवस्था की गई है। सबसे ज्यादा कवर्धा में करीब ढाई हजार क्विंटल धान पकड़ा गया है। राजस्व, खाद्य, मंडी और सहकारिता विभाग की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए अवैध भंडारण व परिवहन के मामले दर्ज किए। कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
अधीर रंजन से भूपेश मिले, धान का मुद्दा संसद में उठाने का आग्रह किया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ के धान के मुद्दे की जानकारी देते हुए इसे संसद में उठाने का आग्रह किया। भूपेश के मुतािबक चौधरी ने सदन में उनकी बात रखने के लिए उन्हें आश्वस्त किया है। वहीं सीएम ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिलकर धान से एथेनॉल बनाने के लिए 10 साल तक की अनुमति मांगी है।
अब तक इन जिलों में हुई कार्रवाई
प्रदेश के कवर्धा जिले में सर्वाधिक 2 हजार 824 क्विंटल धान सहित 9 वाहन जब्त किए गए हैं। अवैध धान परिवहन के 14 प्रकरण बनाए गए। इसी प्रकार बीजापुर जिले में 178 क्विंटल धान, कांकेर में 479 क्विंटल धान, नारायणपुर में एक हजार 678 क्विंटल धान, सुकमा में 952 क्विंटल धान, बिलासपुर में 215 क्विंटल धान, जांजगीर-चांपा में एक हजार 58 क्विंटल धान, रायगढ़ एक हजार 870 क्विंटल धान, बालोद में एक हजार 282 क्विंटल धान, बेमेतरा में 171 क्विंटल धान, राजनांदगांव जिले में एक हजार 139 क्विंटल धान, धमतरी में 157 क्विंटल धान, गरियाबंद में 112 क्विंटल धान, महासमुंद में 483 क्विंटल धान, बलरामपुर में एक हजार 308 क्विंटल धान, जशपुर में एक हजार 740 क्विंटल धान, कोरिया में 924 क्विंटल धान, सरगुजा में एक हजार 719 क्विंटल धान और सूरजपुर में 743 क्विंटल धान जब्त की गई है।