अंबिकापुर : प्रधानमंत्री मोदी ने स्कूली बच्चों को सराहा, छात्रों ने खाद्य कंपनियों को पत्र लिखा था कि उत्पाद खाने में तो अच्छा है, लेकिन रैपर से प्रदूषण, इनका क्या करें

अंबिकापुर | स्कूली विद्यार्थी ने शहर में पड़े मल्टीनेशनल कंपनियों के खाद्य उत्पादों के पैकेट को एकत्र कर उन्हें वापस कंपनियों को भेज रहे हैं। इसके साथ ही वह कंपनियों को एक चिट्ठी भी भेजते हैं, जिसमें संदेश के माध्यम से बताते हैं कि खाने का उत्पाद तो अच्छा था, लेकिन अब इस प्लास्टिक के पैकेट का क्या करें। इसलिए अगली बार प्लास्टिक के स्थान पर किसी दूसरे तरीके से उत्पादों को दें। इस प्लास्टिक मुक्त की पहल को पीएम नरेंद्र मोदी ने सराहा है।

बच्चों के काम की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने री-ट्वीट करते हुए कहा कि युवा विद्यार्थियों का यह शानदार काम है। ऐसे प्रयास सिंगल यूज प्लास्टिक को कम करने के लिए जागरूकता पैदा करने में सहायक होंगे।

होली क्राॅस कान्वेंट स्कूल के शिक्षक सी सुनील ने बताया कि यह मुहिम पिछले दो सालों से चलाई जा रही है। 2018 में बच्चों ने प्लास्टिक मुक्त की मुहिम के बारे में सुना। इसपर बच्चों के लिए आने वाले खाद्य पदार्थों के साथ मिलने वाले रैपर के लिए कोई प्रयास न होते देख कंपनियों को वापस भेजने का निर्णय लिया। इस पर प्राचार्य सिस्टर जेराल्ड ने विद्यार्थियों के प्रयास की सराहना की और समर्थन दिया। इसके बाद बच्चों ने प्रत्येक कक्षा में एक कार्टून रखे और जहां पर भी रैपर बिखरे हुए दिखे, उन्हें वहां से एकत्र कर इन कार्टून में डालते गए। इसके बाद बच्चों ने पिछले साल हजारों की संख्या में खाली रैपर एकत्र कर कार्टून में पैक कर कंपनियों को वापस भेज दिए। बच्चों ने कंपनियों से चिट्ठी के माध्यम से अनुरोध किया कि अगली बार उत्पाद बेचने के लिए प्लास्टिक के रैपर का उपयोग न किया जाए, जिससे पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके।

अंबिकापुर में शुरू हुआ है देश का पहला गार्बेज कैफे

प्लास्टिक के खिलाफ लोगों को जागरूक करने और पर्यावरण को बचाने के लिए नगर निगम की ओर से बस स्टैंड पर गार्बेज कैफे शुरू किया गया है। देश का यह पहला कैफे है जहां एक किलो प्लास्टिक कचरा लाने पर मुफ्त में भरपेट भोजन और आधा किलो प्लास्टिक लाने पर नाश्ता दिया जाता है। इस पहल को कई बड़े देशों ने सराहा है।

पूरे साल एकत्र करते हैं रैपर

बच्चे पूरे साल घर, किसी भी जगह रैपर दिखने पर उसे उठाकर विद्यालय में रखे कार्टून में एकत्र करते हैं। इसके बाद क्रिसमस का अवकाश शुरू होने के एक दिन पहले इसे कार्टून में पैक कर कंपनियों को कोरियर के माध्यम से भेज देते हैं। रैपर से कलात्मक चीजें बनाईं और विद्यालय में प्रदर्शनी लगाई।

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