महिला स्वसहायता समूह ने लघु उद्योग स्थापित किया, अब महिलाओं और छात्राओं को मिलेगा कम कीमत पर सेनेटरी नैपकिन

छत्तीसगढ़ : महिलाओं और छात्राओं को सस्ती कीमत पर सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध करवाने के लिए महिलाओं के समूह ने अनोखी शुरूआत की है। इसके लिए 11 महिलाओं ने समूह बनाकर स्वयं के सहयोग से 60 हजार और बैंक से लोन लेकर उद्योग की स्थापना की। वहीं समूह की महिलाओं को नैपकिन बनाने के लिए मुंबई से आए प्रशिक्षक प्रशिक्षण दे रहे हैं। स्त्री स्वाभिमान सेनेटरी नैपकिन के नाम से बनाए जा रहे इस उत्पाद की कीमत बाजार में बिकने वाले सेनेटरी नैपकिन से आधी  होगी। बीते बुधवार कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने इसका शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने छात्राओं को सैंपल के रूप में सेनेटरी नैपकिन का वितरण भी किया।

बाजार से आधी कीमत पर मिलेंगे उद्योग में बने सेनेटरी नैपकिन, कलेक्टर ने किया शुभारंभ

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लघु उद्योग के उद्घाटन अवसर पर मिले सेनेटरी नैपकिन दिखाती छात्राएं।

मालूम हो कि मां शक्ति स्व-सहायता समूह ने लगाया है। दिसंबर में इस उद्योग से नैपकिन बनना शुरू हो गया है। 11 सदस्यों के समूह की महिलाओं ने एकमत होकर बैंक से 1 लाख 40 हजार रुपए का लोन लिया और समूह की ओर से 60 हजार रुपए लगाए गए। इसके लिए महिलाओं ने सीएससीई गवर्नेंश इंडिया लिमिटेड से मशीन को मंगवाया और स्थापित किया। समूह कि संचालिका मीना शुक्ला ने बताया कि सीएससीई गवर्नेंश के जिला प्रबंधक राहुल सोनी के सहयोग से प्रारंभ किए इस कार्य में शुरुआत के प्रशिक्षण में परेशानी जरूर आई, लेकिन बाद में उसे पूरा कर लिया गया। इस उद्याेग के स्थापना के संबंध में बताया कि इसके पीछे हमारी सोच थी कि ग्रामीण क्षेत्रों में तो सेनेटरी नैपकिन को लेकर जागरूकता नहीं हैं, लेकिन शहरी क्षेत्र में भी लोगों में जागरूकता की कमी है। इस जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से और समूह को आर्थिक रूप से सुदृण बनाने के लिए इसे शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि मुंबई से आए साजिद शेख ने समूह की महिलाओं को नैपकिन बनाने के लिए तीन दिन का प्रशिक्षण दिया।

नैपकिन निर्माण में सुरक्षा का पूरा ध्यान

समूह की संचालिका ने बताया कि सेनेटरी नैपकिन की जांच अौर सुरक्षा के लिए प्रशिक्षक की ओर से दिए गये टिप्स पर अमल किया जा रहा है। नैपकिन बनाने और सुरक्षित रखने के लिए तापमान नियंत्रित करने के उपकरण लगाए गए हैं। जांच के लिए प्रारंभ चरण में इसका उपयोग स्व सहायता समूह की महिलाएं स्वयं कर रही हैं। उन्होंने बताया कि बाजार में मिलने वाले सैनेटरी नेपकिन की कीमत से इस नेपकिन की कीमत लगभग आधा रहेगी। अन्य नेपकिन के तरह यह सुरक्षित रहेगा, इसके लिए पैकिंग में इसका ध्यान रखा गया है। इसे स्त्री स्वाभिमान सैनेटरी नेपकिन पैड का नाम दिया गया है। सैंपल के रूप में छात्रा को नैपकिन देते अतिथि।

कलेक्टर ने किया उद्योग का शुभारंभ

बीते बुधवार को कलेक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने इसका शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने समूह की महिलाओं की ओर से जिले में सेनेटरी नैपकिन बनाने का लघु उद्योग स्थापित करने के प्रयास की सराहना की। उन्होनें महिलाओं से प्रेरित करते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। इस दौरान उन्होंने छात्राओं को समूह की ओर से बनाए गए सेनेटरी नैपकिन का वितरण भी किया। कार्यक्रम में महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष मीना शुक्ला, अंजना ठाकुर, दिव्या सोनकर, दामिनी देवांगन, कुसुम साहू, विमला साहू, शशि सोनी, राधिका निर्मलकर मौजूद रहीं।

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