जगदलपुर | शहर के महापौर और सभापति पद के लिए शनिवार को चुनाव हुआ। इस चुनाव में दोनों ही पदों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है और इसके साथ ही निगम के इतिहास में ऐसा पहला मौका है जब महापौर और सभापति दोनों पदों पर महिलाओं ने कब्जा किया। महापौर के पद पर कांग्रेस की सफीरा साहू तो सभापति के पद पर भी कांग्रेस की ही कविता साहू ने चुनाव जीत लिया है।
सुबह सबसे पहले पार्षदों का शपथ ग्रहण करवाया गया। इसके बाद दोपहर डेढ़ बजे महापौर के पद के लिए मतदान हुआ। कांग्रेस ने सफीरा साहू तो भाजपा ने दीप्ती पांडे को अपना प्रत्याशी बनाया। मतदान के लिए कांग्रेसी पार्षदों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लाया गया। दोपहर ढाई बजे महापौर की घोषणा की गई। 48 पार्षदों में से सफीरा को कांग्रेस के 28 पार्षदों ने अपना वोट दिया, दिप्ती पांडे को भाजपा पार्षदों के 19 वोट मिले और एक वोट निरस्त हो गया। इसके साथ ही सफीरा महापौर बन गई। इस चुनाव में कांग्रेसी गुटबाजी के चलते क्राॅस वोटिंग की जमकर आशंका थी। इसलिए महापौर चुनाव में कांग्रेस के पर्यवेक्षक और प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज को यहां कैंप करना पड़ गया था।
सभापति के लिए भाजपा ने राजपाल कसेर को और कांग्रेस ने कविता साहू को प्रत्याशी बनाया था। जिसमें कविता को 28 और राजपाल को 20 वोट मिले। सभापति के चुनाव के बाद अपील समिति के सदस्यों का चुनाव हुआ।
जिलाध्यक्ष पर बीजेपी की मदद का आरोप विधायक छन्नी राजधानी में दिया धरना
अंबागढ़ चौकी निकाय चुनाव में हुई गड़बड़ी का विवाद राजधानी तक पहुंचा। विधायक छन्नी साहू ने कांग्रेस के राजनांदगांव ग्रामीण जिला अध्यक्ष नवाज खान के खिलाफ राजीवभवन में 6 घेटे तक धरना दिया। उन्होंने राजनांदगांव के ग्रामीण जिलाध्यक्ष नवाज खान के खिलाफ नारेबाजी की। कार्यालय के सामने धरने पर बैठकर उन्होंने अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की। देर रात पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के आश्वासन पर साहू ने धरना ख्तम किया।
छन्नी साहू आरोप था कि नवाज खान ने भाजपा के साथ मिलकर कांग्रेस की अधिकृत उम्मीद्वार सविता मानिकपुरी के स्थान पर विद्या ताम्रकार का नामांकन दाखिल करवा दिया और भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री राजेंदर पाल भाटिया एवं पूर्व संसदीय सचिव संजीव शाह के साथ विजय जुलूस भी निकाला। नवाज खान ने प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर आैर पर्यवेक्षक की बातों को भी अनसुना करते हुए अपने मुताबिक अध्यक्ष बना दिया। छन्नी साहू ने बताया कि नवाज खान और पर्यवेक्षक ने केवल यह कहकर दूसरे उम्मीदवार को नामांकन दाखिल कराया कि सीएम हाउस से किसी का फोन आया है लेकिन प्रभारी मंत्री के पूछने पर कि किसका फोन आया है इसका जवाब वे नहीं दे पाए।
कांकेर जिला: नगर पालिका कांकेर में भाजपा के दो पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की
नगर पालिका कांकेर में 11 वोटों से बहुमत प्राप्त कांग्रेस ने भाजपा व निर्दलीयों के वोटों में सेंध लगा दी और 16 वोट लेकर सरोज ठाकुर को अध्यक्ष बना दिया। अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के 7 में से 2 पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग कर दी। उपाध्यक्ष चुनाव की बारी आई तो भाजपा में चल रही अंतरकलह सतह पर आ गई। पालिका के 21 में से मात्र 7 पार्षद होने के बावजूद उपाध्यक्ष के लिए भाजपा से 2 महिला पार्षदों ने पर्चा भर दिया। हाई-वोल्टेज ड्रामे के बाद एक ने नाम वापस लिया। उपाध्यक्ष चुनाव में भाजपा के पूरे 7 पार्षदों का साथ मिला लेकिन बहुमत और निर्दलीयों के साथ के चलते कांग्रेस 14 वोट लेकर उपाध्यक्ष बनाने में भी कामयाब हो गई। नपा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर 4 जनवरी को सुबह से ही पालिका दफ्तर में गहमागहमी का माहौल रहा।
सुबह 10.30 बजे कम्युनिटी हॉल में पार्षदों को शपथ दिलाई गई। इसके बाद पालिका सभाकक्ष में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई। अध्यक्ष के लिए कांग्रेस की ओर से सरोज ठाकुर और भाजपा की ओर से विजयलक्ष्मी कौशिक ने नामांकन दाखिल किया। 21 पार्षदों ने वोटिंग की जिसमें कांग्रेस की सरोज ठाकुर को 16 और भाजपा की विजयलक्ष्मी को 5 वोट मिले। भाजपा के 2 पार्षदों ने कांग्रेस के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर दी। कांग्रेस के 11 पार्षदों के साथ निर्दलीय 3 पार्षदों ने भी कांग्रेस का साथ दिया। अध्यक्ष सीट जीतने के साथ ही कांग्रेस में जश्न का दौर शुरू हो गया।
पखांजूर: भाजपा के 2 पार्षद पलटे, एक बनीं उपाध्यक्ष, कांग्रेस के अध्यक्ष
नगर पंचायत पखांजूर में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिला। भाजपा के बागियों ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर भाजपा को बड़ा झटका दिया। जिसके कारण बहुमत में आने के बावजूद भाजपा शहर सत्ता से दूर रह गई। कांग्रेस प्रत्याशी बप्पा गांगुली अध्यक्ष निर्वाचित हुए जबकि भाजपा की बागी मायारानी सरकार कांग्रेस के सहयोग से उपाध्यक्ष चुनी गईं। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों को 8-8 वोट मिले। भाजपा ने अध्यक्ष पद के लिए मोनिका साहा और उपाध्यक्ष पद के लिए असीम राय को मैदान में उतारा था। जिन्हें भाजपा में खुली बगावत के चलते हार का सामना करना पड़ा।
नगर पंचायत पखांजूर के कुल 15 में भाजपा के 9 और कांग्रेस के 6 पार्षद चुनाव जीते थे। मतगणना के बाद से भाजपा में बगावत खुलकर सामने आ गई थी। भाजपा से पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष मायारानी सरकार और पूर्व मंडल अध्यक्ष पखांजूर विकास पाल ने बगावत करते भाजपा से दूरी बना ली थी। मतगणना के बाद दोनों ने भाजपा पार्षदों के साथ रायपुर जाने से मना कर दिया था।
इन नगरीय निकायों में ये बने अध्यक्ष-उपाध्यक्ष
कांकेर पालिका (वोट- 21)
अध्यक्ष- सरोज ठाकुर, कांग्रेस, 16 वोट
उपाध्यक्ष- मकबूल खान, कांग्रेस, 14 वोट
नगर पंचायत पखांजूर(वोट-15)
अध्यक्ष – बप्पा गांगुली, कांग्रेस, 8 वोट
उपाध्यक्ष- मायारानी कांग्रेस समर्थित, 8 वोट
भानुप्रतापपुर नपं(वोट-15)
अध्यक्ष- सुनील पाढ़ी, कांग्रेस, 8 वोट
उपाध्यक्ष- कमलेश गावड़े, भाजपा 8 वोट
नपं अंतागढ़ (वोट-15)
अध्यक्ष – राधेलाल नाग, भाजपा, 8 वोट
उपाध्यक्ष – अमलू सिंह नरवास, भाजपा, 8 वोट
नपं चारामा (वोट 15)
अध्यक्ष – प्यारेलाल देवांगन भाजपा, 9 वोट
उपाध्यक्ष – केशर नागवंशी भाजपा, 9 वोट