राष्ट्रपति ट्रंप ने 2019 में भारत से जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफरेंसेंज (जीएसपी) का दर्जा छीन लिया था। 1970 के दशक में भारत को यह दर्जा मिला था। अमेरिका ने यह कदम तब उठाया था, जब भारत ने आयात की जाने वाली अमेरिकी मेडिकल डिवाइस, कार्डियक स्टेंट और घुटने के प्रत्यारोपण जैसे उपकरणों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया था। साथ ही भारत ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर भी प्रतिबंध लागू किया था। अब ट्रंप की 24-25 फरवरी को होने वाली यात्रा से यह उम्मीद जागी है कि भारत द्वारा टैरिफ में कुछ कटौती करने से जीएसपी दर्जा फिर से मिल सकता है।
एक-दूसरे से क्या चाहते हैं दोनों देश
आयात शुल्कों में कटौती कर भारत बदले में स्टील और एलुमिनियम उत्पादों पर शुल्कों में छूट चाह रहा है। भारत जीएसपी के तहत निर्यात फायदे की बहाली की उम्मीद भी लगा रहा है। कृषि, ऑटोमोबाइल, ऑटोमोबाइल कंपोनेंट और इंजीनियरिंग क्षेत्र के उत्पादों की अमेरिकी बाजार में अधिक पहुंच की मांग रखी जा रही है। वहीं, अमेरिका भारत में खेती, विनिर्माण, डेयरी उत्पाद, मेडिकल उपकरण और डाटा स्थानीयकरण की बाजार में पहुंच हासिल करना चाहता है। अमेरिका ने व्यापार घाटे को कम करने की मंशा भी जताई है।