शिवराज सिंह चौहान ने रात 9 बजे ली शपथ:मप्र में पहली बार बीजेपी ने कांग्रेस को बिना कार्यकाल पूरा किए सत्ता से बाहर किया

शिवराज ने रात 9 बजे ही ली शपथ

सोमवार रात 9 बजे ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने सूबे के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने उन्हें शपथ ‌दिलवाई. इस दौरान कोरोना के चलते लॉकडाउन होने के कारण उनके साथ किसी अन्य मंत्री ने शपथ नहीं ली. एक सादे समारोह के दौरान अकेले ही शिवराज सिंह ने शपथ ली. इसके तुरंत बाद ही शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना से निपटने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की थी और सभी तैयारियों का जायजा भी लिया था. इस दौरान शिवराज सिंह ने कोरोना से लड़ने के संकल्प को दोहराया था.

सिर्फ 15 महीने के बाद ही कांग्रेस की कमलनाथ सरकार की विदाई हो गई

15 साल के सत्ता के सूखे को खत्म करते हुए कांग्रेस ने मप्र की सत्ता में दिसंबर 2018 में वापसी की थी. लेकिन सिर्फ 15 महीने के बाद ही कांग्रेस की कमलनाथ सरकार की विदाई हो गई. कांग्रेस के सत्ता में आने के पहले दिन से बीजेपी  की ओर से दावा किया जा रहा था कि ये सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी. और हुआ भी कुछ ऐसा ही. कारण कुछ भी रहे हों, लेकिन मप्र के विधानसभा के इतिहास में ये पहली बार है, जब बीजेपी ने कांग्रेस सरकार को अपना कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया. इससे पहले दो बार ऐसे मौके आए जब कांग्रेस ने बीजेपी और जनता पार्टी की सरकार को उसका कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया था.

2003 में बीजेपी ने उमा भारती के नेतृत्व में जबर्दस्त जीत हासिल की थी. हालांकि उमा भारती ज्यादा दिन सीएम नहीं रहीं. उनके बाद आए बाबूलाल गौर भी ज्यादा दिन इस सीट पर नहीं टिके. लेकिन उनके बाद नवंबर 2005 में आए शिवराज सिंह चौहान इस सीट पर जम गए. उन्होंने उसके बाद लगातार दो चुनावों में जीत हासिल कर सबसे लंबे समय तक मप्र के सीएम रहने का रिकॉर्ड बना दिया. लेकिन 2018 में वह अपनी सत्ता नहीं बचा पाए. कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. और सरकार बनाई, लेकिन ज्योतिरादित्य के कारण कांग्रेस सरकार गिर गई. इस तरह ये पहली बार है, जब कांग्रेस की सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई.

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