कांग्रेस पार्टी महासचिव और युवा नेताओं में एक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने होली के एक दिन पहले बदला रंग, पार्टी से दिया इस्तीफ़ा

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सिंधिया ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजा।अपने इस्तीफा में उन्होंने कहा, ‘अपने राज्य और देश के लोगों की सेवा करना मेरा हमेशा से मकसद रहा है। मैं इस पार्टी में रहकर अब यह करने में अक्षम हूं।’
सिंधिया के इस कदम से पार्टी में खलबली मच गई है। मध्यप्रदेश में पार्टी को बड़ा झटका लगने से बौखलाए कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य पर निशाना साध रहे हैं। कोई उन्हें जयचंद तो कोई गद्दार बता रहा है।

अपनी सरकार के ख़िलाफ़ उठाई आवाज़

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के ख़िलाफ़ ज्योतिरादित्य कई मुद्दों को लेकर लगातार बोलते रहे हैं.

फ़रवरी 13 को टीकमगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था “2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में अपने मेनिफेस्टो में किसान क़र्ज़माफ़ी और किए गए दूसरे वादे अगर कांग्रेस पूरे नहीं करती है तो वो इसके ख़िलाफ़ सड़को पर उतरेंगे.”

इसका उत्तर कमलनाथ ने ये कहते हुए दिया था कि “तो वो उतर जाएं…”

लेकिन प्रदेश में पार्टी के नेताओं के बीच क्या कुछ चल रहा है इसे कांग्रेस आला कमान ने नज़रअंदाज़ किया.

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