केंद्र सरकार जल्द जारी करेगी नई किराया नीति, प्रॉपर्टी मालिक को होगा फायदा

मौजूदा कानून, किरायेदारों के पक्ष में होने से बड़ी संख्या में लोग अपनी संपत्ति को किराये पर नहीं देना चाहते. उन्हें लगता है कि उनकी संपत्ति पर दूसरों का कब्जा हो जाएगा. इस वजह से लाखों मकान खाली पड़े हैं

नई दिल्ली: केंद्र सरकार जल्द नई किराया नीति जारी करेगी. आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ”बहुत जल्द आप देश में एक किराया नीति देखेंगे.” किराया नीति से शहरी इलाकों में आवास की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी. यह नीति देशभर में खाली पड़े लाखों मकानों को किराये पर देने के लिए प्रोत्साहित करेगी.

पुरी ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग अपनी संपत्ति को किराये पर नहीं देना चाहते क्योंकि उन्हें लगता है, यदि उनका कानूनी आधार कमजोर हुआ तो उनकी संपत्ति पर दूसरों का कब्जा हो जाएगा और प्रॉपर्टी वापस नहीं पा सकेंगे.

उन्होंने कहा कि नयी किराया नीति लोगों की इसी चिंता का समाधान करेगी. पुरी के पास आवास और शहरी विकास मंत्रालय के साथ-साथ नागर विमानन मंत्रालय का भी स्वतंत्र प्रभार है. उन्होंने कहा कि किराया नीति एक आदर्श मसौदे की तरह होगी जिसमें राज्य अपनी इच्छा अनुसार बदलाव कर सकेंगे. इससे आवास बाजार में बड़ी संख्या में ऐसे मकान उपलब्ध होंगे जो अभी तक उपयोग में नहीं है.

मौजूदा कानून किरायदारों के हक में अभी किरायदारी से जुड़े अलग-अलग राज्यों में कानून हैं. वे ज्यादातर किरायेदारों के पक्ष में बनाए गए हैं. ऐसे में देशभर में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें किरायदारों ने इन संपत्तियों पर कब्जा जमा लिया या कई सालों से मामूली किराया चुकाने के साथ प्रॉपर्टी खाली नहीं कर रहे हैं. इनमें घर और ऑफिस या दुकान से जुड़े मामले भी शामिल हैं.

उदाहरण के लिए, दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम, 1958, धारा 14 (1) (ई) में कहा गया है कि मकान मालिक किरायेदार को तभी बेदखल कर सकता है जब वह अपने घर या ऑफिस को खुद या परिवार के किसी अन्य सदस्य (जोकि मकान मालिक पर निर्भर है) के इस्तेमाल करने के लिए जरूरी समझता है. साथ ही यह भी शर्त है कि उक्त मकान मालिक के पास कोई दूसरा उपयुक्त रहने का ठिकाना (आवास) नहीं है.

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