एसबीआई कार्ड के IPO पर कोरोना वायरस का बादल मंडराया, मुनाफे पर पड़ेगा असर?

शेयर बाजार में भारी गिरावट से निवेशकों को एसबीआई कार्ड के आईपीओ से मुनाफा घटने का डर सता रहा है। एसबीआई कार्ड का आईपीओ देश का पांचवां सबसे बड़ा आईपीओ होगा, जो दो मार्च से लेकर पांच मार्च तक सब्सिक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा।

कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में चिंता बढ़ने का असर शेयर बाजार पर दिखना शुरू हो गया है। शुक्रवार को बाजार में आए भारी भूचाल से रिटेल इन्वेस्टर्स की नींद उड़ गई है। हालत यह है कि बाजार में लगातार छह दिनों की गिरावट के दौर से बहुप्रतिक्षित एसबीआई कार्ड के आईपीओ पर आशंका के बादल मंडराने लगे हैं। एसबीआई कार्ड का आईपीओ देश का पांचवां सबसे बड़ा आईपीओ होगा, जो दो मार्च से लेकर पांच मार्च तक सब्सिक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा।

चिंतित हैं छोटे इन्वेस्टर्स
छोटे इन्वेस्टर्स को यह डर सता रहा है कि बाजार में चल रही गिरावट का असर कंपनी के आईपीओ के मुनाफे पर तो नहीं पड़ेगा। इशू साइज का लगभग 35% हिस्सा छोटे इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व रखा गया है। विश्लेषकों का कहना है कि शेयर बाजार में भारी गिरावट से निवेशक चिंतित हैं, लेकिन प्राइमरी मार्केट पर इसका ज्यादा बड़ा असर पड़ने की संभावना नहीं है। बहुत बद्तर हालात में आईपीओ के सब्सिक्रिप्शन लेवल पर मामूली असर पड़ेगा, जिससे लिस्टिंग प्रीमियम पर थोड़ा बहुत असर पड़ सकता है।

13 करोड़ शेयरों के लिए बोली
पिछले साल दाखिल डीआरएचपी के मुताबिक, कंपनी ऑफर फॉर सेल के जरिए बाजार में 13,05,26,798 इक्विटी शेयर लाएगी। इसमें 3,72,93,371 तक शेयरों की बिक्री एसबीआई, जबकि 9,32,33,427 शेयर कार्लाइल ग्रुप (CA Rover) बेचेगी। इसके अलावा, कंपनी 500 करोड़ रुपये के ताजा इक्विटी शेयर भी जारी करेगी। एसबीआई कार्ड्स में एसबीआई की हिस्सेदारी 76 फीसदी, जबकि बाकी हिस्सेदारी कार्लाइल ग्रुप के पास है।

बुक-रनिंग लीड मैनेजर्स कंपनियां
कोटक महिंद्रा कैपिटल, एक्सिस कैपिटल, डीएसपी मेरिल लिंच, नोमूरा फाइनैंशल अडवाइजरी, एचएसबीसी सिक्यॉरिटीज तथा एसबीआई कैपिटल मार्केट्स इस आईपीओ के बुक-रनिंग लीड मैनेजर्स हैं।

एसबीआई कार्ड के 95 लाख ग्राहक
नवंबर में इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एसबीआई कार्ड के लगभग 95 लाख ग्राहक हैं और एचडीएफसी बैंक के बाद कार्ड जारी करने वाली यह दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन साल में भारत में क्रेडिट कार्ड से खर्च में सालाना 35.6% की दर से बढ़ोतरी हुई है, जबकि क्रेडिट कार्ड बकाये में 25.6% की बढ़ोतरी हुई है। कार्ड बिजनस के लिए इंडस्ट्री ऐवरेज 3.5% है। पिछले 6-7 सालों में एसबीआई कार्ड की रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) 25% से कम नहीं देखी गई है और इस दौरान यह लगभग 30% के औसत में रहा है।

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