नई दिल्ली: सरकार ने कारोबार सुगमता यानी ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया है. उसने नई कंपनी बनाने के लिए सोमवार को ‘स्पाइस+’ फॉर्म पेश किया जो एकीकृत वेब फॉर्म है. इससे बिजनेस शुरू करने में लगने वाले समय और साधनों की बचत होगी।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फॉर्म के दो हिस्से होंगे. पहला हिस्सा नई कंपनियों का नाम संरक्षित कराने और दूसरा उनके गठन के समय दी जाने वाली सेवाओं से जुड़ा होगा।
दूसरा हिस्सा कंपनी गठन के समय विभिन्न सेवाओं की पेशकश करेगा. विज्ञप्ति के अनुसार, ”स्पाइस+ के जरिये गठित सभी नई कंपनियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. इन्हें संबद्ध एजेंसियों की ओर से अलग से ईपीएफओ और ईएसआईसी पंजीकरण संख्या जारी नहीं की जाएगी। इन संगठनों की सदस्यता के अलावा इस फॉर्म के माध्यम से कंपनियों को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, श्रम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग और महाराष्ट्र राज्य सरकार की 10 सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
स्पाइस प्लस के जरिये पंजीकरण कराने वाली कंपनियों को अनिवार्य तौर पर स्थायी खाता संख्या (पैन), कर कटौती और संग्रह खाता संख्या (टैन), जीएसटी इनवॉयस संख्या इत्यादि लेना होगा।
महाराष्ट्र राज्य में शामिल की जाने वाली सभी नई कंपनियों के लिए व्यवसाय कर का पंजीकरण अनिवार्य होगा. साथ ही इन सभी नई कंपनियों को एजीआईएलई-पीआरओ से जुड़े वेब फॉर्म के जरिये ही बैंक खाता खोलना होगा।
मंत्रालय ने कहा कि नए वेब फॉर्म से बिना किसी अड़चन कंपनियां गठित करने के लिए ऑनस्क्रीन फाइलिंग और वास्तविक समय के आंकड़ों की वैधता की सुविधा देकर, इस प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।