शुक्रवार को निफ्टी में कारोबार शुरू होने के कुछ ही मिनटों में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट आई। इसी के साथ निफ्टी का कारोबार घंटे भर के लिए बंद कर दिया गया। शुक्रवार के कारोबार में सेंसेक्स भी 9.43 फीसदी गिरा और उसमें भी लोअर सर्किट लग गया।
शेयर बाजार में गुरुवार को लोवर सर्किट लगते-लगते बचा। बाजार बार-बार लोअर सर्किट यानी 10 फीसदी की गिरावट के करीब पहुंच रहा था, लेकिन गनीमत रही कि हर बार वह रिकवर होता गया। इस गिरावट को इतिहास की सबसे बड़ी गिरावटों में से एक माना जा रहा है। गुरुवार को निफ़्टी जुलाई 2017 के बाद पहली बार 9600 के स्तर के नीचे गया था, लेकिन शुक्रवार को तो कारोबार शुरू होने के कुछ ही मिनटों में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट आई और निफ्टी का कारोबार घंटे भर के लिए बंद कर दिया गया।
वहीं अगर सेंसेक्स की बात करें तो उसमें गुरुवार को पिछले करीब 12 सालों की सबसे बड़ी गिरावट दिखाई दी। इससे पहले 2008 में इतनी बड़ी गिरावट आई थी। खैर, गुरुवार के कारोबार में तो लोअर सर्किट नहीं लगा, लेकिन शेयर बाजार के इतिहास में ऐसे चार मौके रह चुके हैं, जब लोअर सर्किट लगा था और शेयर बाजार ठप हो गया था। शुक्रवार के कारोबार में भी सेंसेक्स लोअर सर्किट के बेहद करीब जा पहुंचा।
भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था अब तक कोरोना के असर से अछूती दिख रही थी, लेकिन मूडीज की हालिया रिपोर्ट में अब भारतीय अर्थव्यवस्था भी इसकी चपेट में आ चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की विकास दर में कोरोना की वजह से वर्ष 2020 में 0.1 फीसद की गिरावट होगी।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक ख़बर के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार ने देश में आने वालों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं.
इसके बाद अब ये माना जा रहा है कि इसका असर पहले से मार झेल रही देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.
अख़बार कहता है कि साल 2019 में 108.9 लाख पर्यटक भारत आए थे जिनमें से 17.4 लाख केवल मार्च और अप्रैल के महीने में आए थे.
अख़बार के अनुसार 15 अप्रैल तक पाबंदी लगी रही तो इससे न केवल विमानन कंपनियों को नुक़सान होगा बल्कि भारत के पर्यटन उद्योग पर भी बुरा असर पड़ेगा.
बुधवार को भारत सरकार ने 13 मार्च से 15 अप्रैल तक राजनयिक, सरकारी, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं, एम्प्लॉयमेंट और प्रोजेक्ट वीज़ा को छोड़कर सभी अन्य प्रकार के वीज़ा निलंबित करने का फ़ैसला किया है.