17 दिसंबर 2019 को छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस के कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण हो रहा है। किसी भी सरकार को कार्य करने के लिए एक वर्ष का कालखंड पर्याप्त है। ऐसे में भूपेश सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल का मूल्यांकन किया जाना चाहिये क्योंकि भूपेश सरकार को छत्तीसगढ़ की जनता बहुत सारी उम्मीदों के साथ चुना था और कांग्रेस को व्यापक जनमत दिया था। भूपेश सरकार के कार्यों पर नजर डालते हैं तो उसमें गांधी दर्शन की झलक देखने को मिलती है। कुछ आलोचक जरुर इस बात का जिक्र करते हैं कि शहरों में विकास कार्य ठप हो चला है। पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हमेशा (जब वह मुख्यमंत्री नहीं थे) से इस बात के पक्षधर रहे कि कांक्रीट से हुआ विकास सही मायने में विकास नहीं है। सही विकास वह है जो अपनी संस्कृति, सभ्यता, पर्यावरण, खेती-किसानी और गांव को समृद्ध करे।
मुख्यमंत्री बनने के बाद भूपेश बघेल के कार्यों में उसकी झलक हर जगह देखने को मिल जाएगी। यही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भी दर्शन है। महात्मा गांधी का मानना था कि देश को समृद्धिशाली बनाने के लिए गांवों को समृद्ध बनाना पहली प्राथमिकता है। हमारे गांवों की सेवा करने से ही सच्चे स्वराज्य की स्थापना होगी। बाकी सभी कोशिशें निरर्थक सिद्ध होगी। गांव उतने ही पुराने हैं, जितना पुराना यह भारत है। अगर हमें स्वाराज्य की रचना अहिंसा के आधार पर करनी है, तो गांवों को उनका उचित स्थान देना ही होगा। गांधी दर्शन में ग्राम स्वराज का अर्थ आत्मबल से परिपूर्ण होना है। स्वयं के उपभोग के लिए स्वयं का उत्पादन, शिक्षा और आर्थिक सम्पन्नता इसका मूल आधार है। गांवों के लोगों में आज जीवन दिखाई नहीं देता। उनमें न आशा है, न उमंग।
भूख धीरे-धीरे उनके प्राणों को चूस रही है। कर्ज से कमर तोड़, गर्दन तोड़ बोझ से वे दबे हैं। किन्तु यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद छत्तीसगढ़ के गांवों की दशा को भूपेश बघेल ने बदलकर रख दिया। भूपेश सरकार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने की सर्वाधिक चर्चित योजना है नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी। इस योजना की चर्चा आज विश्वमंच पर की जा रही है। नीति आयोग की बैठक में भी इस योजना की प्रशंसा की जा चुकी है। इस योजना में प्रत्येक गांव में गौठान के लिए 3 एकड़ भूमि सुरक्षित की गयी है। एक वर्ष के भीतर राज्य के दो हजार से अधिक गांवों में गौठान की स्थापना की जा चुकी है। इस गौठान के माध्यम से प्रत्येक गांव में 10 युवक रोजगार से जुड़ रहे हैं। गौठान में आने वाली गाय, बछड़े और बैलों के गोबर से बने लाखों की संख्या में दीपक (दीया) की बिक्री देश की राजधानी नई दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों में हुई है। मौजूदा समय में गौठान के गोबर से गमले का निर्माण चर्चा का विषय है। हमारा आशय इससे यह है कि गांव में वहीं के लोगों द्वारा आसानी से रोजगार का सृजन हो रहा है।
जो हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। इसके अलावा गांव में शिक्षा, चिकित्सा, बिजली और पानी की उपलब्धता की व्यवस्था भी कराई गई है। चौखट तक चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराने के लिए हाट क्लीनिक योजना संचालित की गयी है। राज्य की संस्कृति को समृद्ध करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पारंपरिक त्यौहारों को पूरी उर्जा और उत्साह से मनाये जाने के लिए पूरी व्यवस्था कर रखी है। ज्यादातर पारंपरिक त्योहारों में वह खुद शामिल होकर लोगों का उत्साहवर्धन करते नजर आते हैं। सरकार और जनता के बीच दूरी न बढे और संवादहीनता की स्थिति न बने, इससे बचने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जन दर्शन कार्यक्रम में लोगों से सीधे मुखातिब होते हैं। किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए उन्होंने 17 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ घंटे बाद ही किसानों के धान खरीदी की कीमत 2500 रुपये प्रति कुंतल की दर से किये जाने की घोषणा कर दी थी और 19 लाख किसानों का अल्पकालीन कृषि ऋण माफ कर दिया था। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे परिवार को प्रति राशन कार्ड 35 किलोग्राम चावल दिये जाने, छोटे भूखंड की खरीद-बिक्री पर लगी रोक को हटा दिये जाने, 400 यूनिट तक बिजली बिल आधा माफ किये जैसी योजनाएं भी भूपेश सरकार की काफी लोकप्रिय योजनाएं हैं जिससे लोग लाभान्वित हो रहे हैं। आदिवासी भाई-बहनों के लिए भूपेश सरकार ने क्रांतिकारी कदम उठाये हैं। तेंदूपत्ता खरीदी की दर बढ़ाये जाने के साथ ही आदिवासी युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए एनएमडीसी जैसी संस्थाओं के भर्ती केन्द्र बस्तर में स्थापित किये जाने की महती पहल की गयी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में महिला की सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड प्लान तैयार किया जा रहा है।
जिसके तहत पुलिस प्रशासन महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और महिला एवं बाल विकास विभाग महिलाओं के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं को इसी एकीकृत प्रणाली के माध्यम से संचालित करेगा। यह महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा। राज्य सरकार की इस विशेष पहल को महिला सशक्तीकरण और सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ संभवत देश में पहला राज्य है जहां महिला सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड प्लान तैयार करने की शुरुआत हो रही है। इस प्लान में सभी वर्ग की महिलाओं को न केवल सुरक्षा कव्हर देगा बल्कि उन्हें किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करेगा। सरकार ने हाल में ही देश के कई हिस्सों में महिलाओं के प्रति हिंसा और अन्य सामाजिक अपराधों के मद्देनजर राज्य की महिलाओं को भय मुक्त और विकास के सुअवसरों का लाभ दिलाने के लिए इंटीग्रेटेड प्लान बनाने के निर्देश दिए है। इससे समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा के लिए अच्छा वातावरण बनेगा वहीं महिलाएं सशक्तीकरण के अवसरों को भी भुना सकेंगी। महिलाओं और बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना संचालित की जा रही है जिसका लाभ ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं और बच्चों को मिल रहा है।
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