विधानसभा बजट 2020 : आर्थिक स्थिति छत्तीसगढ़ : मंदी के राष्ट्रीय आंकडों के बीच सुखद संकेत, राज्य  की अनुमानित  जीडीपी 7 .6 %

स्थानीय आवश्यकता के आधार पर जिलेवार कार्ययोजना बनाकर काम शुरू करने के परिणाम आर्थिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण रहे । ग्राम सुराजी योजना के अंतर्गत नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी विकास के कार्याें से भी ग्रामिड़ो के आय में वृद्धि हुई है किसानों का कृषि ऋण माफ करने से धान पंजीयन में किसानों की संख्या बढ़ी है। 2019-20 में अब तक 82 लाख 81 हजार मैट्रिक टन धान की रिकार्ड खरीदी हो चुकी है।धान पंजीयन में किसानों की संख्या बढ़ी है।  विकास का बुनियादी आधार आधुनिकता तथा परम्परा का साम्य है।  शासन-प्रशासन के प्रयास एवं जनता की सहभागिता से विगत वर्ष की तुलना में राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार प्रत्यक्ष है। 

  • वर्ष 2018-19 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 6.08 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान किया गया था किन्तु अद्यतन प्रस्तुत त्वरित अनुमान के अनुसार 7.06 प्रतिशत की वृद्धि संभावित है। मंदी के राष्ट्रीय आंकडों के बीच यह वृद्धि राज्य के लिये एक सुखद संकेत है।
  •  2019-20 में स्थिर भाव पर राज्य में कृषि क्षेत्र में 3.31 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 4.94 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। इस प्रकार कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्रों में राज्य की अनुमानित वृद्धि दर राष्ट्रीय स्तर पर इन क्षेत्रों में अनुमानित वृद्धि दर क्रमशः 2.8 एवं 2.5 प्रतिशत की तुलना में अधिक है।
  • प्रचलित भाव पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2018-19 में 304000  करोड़ से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 329000  करोड़ होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.26 प्रतिशत अधिक है।
  • विगत वर्ष अनुमानित प्रति व्यक्ति आय 96887 की तुलना में वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय 98281 रूपये का अनुमान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 6.35 प्रतिशत अधिक है।
  • वर्ष 2019-20 के केन्द्रीय बजट में राज्य के लिये अनुमानित केन्द्रीय करों में कमी आयी है। आगामी वर्ष में केन्द्र से प्राप्त होने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति में भी कमी संभावित है। इससे राज्य के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है किन्तु संतोष का विषय यह है कि राज्य सरकार की नीतियों एवं प्रयासों से राज्य के स्वयं के संसाधन 11 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं।

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