भिलाई | प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की चर्चा पिछले दिनों खूब सुनने को मिली। छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर में प्लास्टिक के कचरे को इस्तेमाल करने के लिए एक केंद्र विकसित किया जा रहा है। इस केंद्र में उपयोग किया हुए प्लास्टिक को रीसाइकिल किया जाएगा। प्लास्टिक से सड़कें बनाने की भी तैयारी की जा रही है।
भिलाई स्टील प्लांट राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के तहत रीसाइकिल सेंटर बना रहा है। यहां एक ऐसी मशीन लगाई जाएगी जो प्लास्टिक को सड़क बनाने के लिए प्लास्टिक के कचरे को छोटे-छोटे दानों में बदल देगी। दावा किया जा रहा है यह सड़कें टिकाऊ भी होंगी। हर रोज भिलाई शहर में ही 30 टन के करीब प्लास्टिक वेस्ट निकलता है। इस कचरे को दोबारा इस्तेमाल के लायक बनाया जाएगा।
इस काम को करने के लिए दिल्ली की कंपनी को ठेका दिया है। बीएसपी प्रबंधन ने कहा कि, काफी एडवांस एसआरएलएम सेंटर बनाया जा रहा है। इस सेंटर को अस्तित्व में लाने के लिए 36 महीनों का समय लगा। इसमें कचरे को अलग-अलग करने के बाद तकरीबन 30 परसेंट कचरे को कंपोस्ट किया जाएगा। यहां 40 से ज्यादा कंपोस्ट पिट बनाए जा रहे हैं।
रीसाइक्लिंग के लिए सेक्टर एरिया से कंपनी प्लास्टिक एकत्रित कर रही है। प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग के लिए लगाई जाने वाली मशीन को हर रोज कई टन प्लास्टिक चाहिए होगा। बहुत मुमकिन है कि भिलाई शहर के प्लास्टिक वेस्ट के अलावा नजदीक के अन्य शहरों के प्लास्टिक को भी यहां रीसाइकिल किया जाए।