CM भूपेश बघेल ने किया शिक्षाकर्मियों के संविलियन का ऐलान, 26 वर्ष की लड़ाई का सुखद पटाक्षेप: साथी शिक्षकों के बीच विभाजन रेखा का होगा विलय

शिक्षाकर्मियों का कहना है कि हम काम बराबरी का करते थे लेकिन हमारे पदनाम में जो शिक्षाकर्मी शब्द लगा होता था वह हमारे साथी शिक्षकों के बीच एक विभाजन रेखा खीच देता था.

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल  ने मंगलवार अपने  दूसरे  बजट के साथ ही शिक्षाकर्मियों को सबसे बड़ी सौगात दी।   बचे हुए 16 हजार शिक्षाकर्मियों के संविलियन की।  जैसे ही यह घोषणा हुई शिक्षाकर्मी कलेक्टोरेट में इकट्ठे होने लगे थे।  शिक्षाकर्मियों  का कहना है कि करीब 26 सालों से वह लड़ाई लड़ रहे थे। बात केवल संविलियन की नहीं है।  यह पूरे शिक्षा तंत्र में एकरूपता लाने वाली बात है।  हम काम बराबरी का करते थे लेकिन हमारे पदनाम में जो शिक्षाकर्मी शब्द लगा होता था वो हमे हमारे साथी शिक्षकों के बीच एक विभाजन रेखा खीच देता था। आज आखरी संविलियन के साथ यह रेखा भी खत्म हो गई।

शिक्षाकर्मियों में खुशी

संघ के नेता विरेन्द्र दुबे का कहना है कि पूरे प्रदेश भर में बधाईयों का दौर शुरू हो गया है।  हम बहुत जल्द मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर धन्यवाद ज्ञापित करेंगे।  बरसों की लड़ाई का आज सुखद पटाक्षेप हो गया।  शिक्षिका अंजूम शेख का कहना है कि महिला शिक्षाकर्मियों ने खूब लड़ाई लड़ी।  घर और बाहर दोनों के सामंजस्य के बीच आंदोलन में शामिल हुए थे।  वहीं महिला सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार ने सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा के लिए वाहनों की जीपीएस से ट्रेंकिग के लिए व्हीकल ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म का निर्माण किया जाएगा।  इसके लिए जो 14 करोड़ 40 लाख का प्रावधान है वह बहुत अच्छा है।  उससे महिलाओं में बेहद खुशी है।  उनका कहना है आज के समय में महिला सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

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