सुकमा के छिंदगढ़ ब्लॉक से करीब 40 किमी दूर घोर नक्सल प्रभावित इलाका कुन्ना और डब्बा इलाके में पुष्पा पिछले 12 सालों से एनएम कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवा दे रही थीं. उनका इलाज बिलासपुर में चल रहा था. ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित तिग्गा की तबियत कुछ दिन से ज्यादा खराब थी. उन्हें मंगलवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान बुधवार को उन्होंने दम तोड़ दिया. बुधवार देर शाम शव को गृहग्राम जशपुर ले जाया गया है.
स्वास्थ्य विभाग में एनएम पद पर पर कार्यरत महिला पुष्पा तिग्गा सेवाभाव से भरी हुई थीं. न्यूज 18 से कुछ महीने पहले हुई चर्चा में पुष्पा तिग्गा ने कहा था कि जब उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन किया था तब कुन्ना इलाके की हालात बहुत खराब थी. सिर पर टीके का डब्बा और दवाई रखकर 10 किमी पैदल पहाड़ी चढ़कर जाना पड़ता था. वैसे ही यहां से बस पकड़ने या दवाई लाने 16 किमी साइकिल से जाना पड़ता था. पुष्पा कुकानार साइकिल पर ही आना जाना करती थी. पुष्पा कहती थी कि कुन्ना के लोग मेरे लिए काफी मायने रखते हैं. कई बार तबियत खराब होने के कारण मेरा ट्रांसफर करने की बात कही गई, लेकिन मैंने मना कर दिया.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर चुके हैं सम्मानित
सुकमा के कुन्ना इलाके में कार्यरत एक एएनएम (ANM) कार्यकर्ता पुष्पा तिग्गा को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सम्मानित किया था. नक्सल क्षेत्र में बेहतर कार्य करने पर उन्हें ये सम्मानित मिला था. बता दें कि राजधानी रायपुर में आयोजित कायाकल्प 2018-2019 कार्यक्रम में सीएम बघेल ने पुष्पा तिग्गा को सम्मानित किया था.
सुकमा जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुन्ना में 15 किमी साइकिल चलाकर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वालीं स्वास्थ्य संयोजिका पुष्पा तिग्गा जी हम हमारे बीच नहीं रहीं।
कभी न हारने वाली छत्तीसगढ़ की फ्लोरेंस नाइटिंगेल कैंसर से ये जंग हार गयीं।
कोटि-कोटि नमन एवं सलाम। pic.twitter.com/C0MBm1tT0r
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 9, 2020