रायपुर. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस जब सत्ता में आने की कोशिश कर रही थी, तब उसने सबसे ज्यादा बेरोजगारी को मुद्दा बनाया था. साथ ही अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि सरकार में आते ही कांग्रेस बेरोजगारों को 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता हर महीने देगी. अब कांग्रेस के लिए यही वायदा गले की फांस बन सकता है. क्योंकि बेरोजगार अब भत्ते की मांग करने लगे हैं. विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है।
छत्तीसगढ़ में राज्य के करीब 23 लाख रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं. बेरोजगारों से 2500 रुपये प्रति महीने भत्ते का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस से अब युवा बेरोजगारी भत्ते की आस लगा रहे हैं. धान खरीदी पर मुश्किल में घिरी कांग्रेस सरकार से अब राज्य के युवा बेरोजगार भी वादा याद दिला रहे है. बता दें कि धान खरीदी और समर्थन मूल्य को लेकर किसान सड़क पर हैं. अब बेरोजगार भी सड़क पर आने की तैयारी में हैं.
बजट में हो घोषणा
युवाओं का कहना है कि राज्य सरकार को बजट सत्र में बेरोजगारी भत्ते को लेकर घोषणा करनी चाहिए. युवा नेता नीतेश मिश्रा का कहना है कि एक साल तक सरकार ने वायदा खिलाफी किया है. अब अपने वायदे को पूरा करना चाहिए. बता दें कि एक अनुमानित हिसाब के अनुसार यदि सरकार वादा पूरा करती है तो सरकार को करीब 6 अरब रुपये का भार हर महीने पड़ेगा. विपक्ष का कहना है कि कांग्रेस ने बिना सोचे समझे घोषणा कर दी थी. अब अपने बजट में वादा पूरा करे. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह का कहना है कि कांग्रेस चाहे किसान हो चाहे राज्य को कोई भी सभी से वादा खिलाफी कर रही है. राज्य में स्थिति बेहद खराब है. इन्होंने बता दिया कि वह वादे पूरा नहीं करेंगे.
बीजेपी को ही कोस रही कांग्रेस
कांग्रेस इस सवाल के जवाब में न ही बेरोजगारी शब्द शामिल करती है और न ही बेरोजगारी पर बात करती है. हां वो जमकर बीजेपी को जरूर कोसती है. हालांकि कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी का कहना है कि सरकार ने अपने 36 में से 22 वादे तो पूरे कर ही दिए. बाकी भी कर देगी, लेकिन कब और कैसे इसे लेकर कोई जवाब नहीं है. इस बजट में क्या वादा पूरा होगा उस पर शैलेष ने चुप्पी ही साधी रखी.ये भी पढ़ें: