बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाई कार्ट ने अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर बड़ा फैसला दिया है. बिलासपुर हाई कोर्ट में अनुकंपा नियुक्ति के मामले के दयार बहन की याचिका पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता बहन के दो भाई शासकीय सेवा में होने के बाद भी कोर्ट ने उसे अनुकम्पा नियुक्ति का पात्र माना है. क्योंकि वह अपने माता पिता के साथ ही रहते हुए उन पर ही आश्रित थी. इसको आधार कर ही बिलासपुर हाई कोर्ट ने अपना फैसला दिया है।
प्रकरण के मुताबिक बीटीआई रोड वार्ड 29 महासमुंद निवासी जयलाल प्रधान भूमि संरक्षण अधिकारी दफ्तर में सर्वेयर के पद पर जिला गरियाबंद में पदस्थ थे। साल 2017 में उनका निधन हो गया। पिता की मौत के बाद पुत्री आकांक्षा द्वारा आवेदन पेश कर अनुकम्पा नियुक्ति की मांग की गई। संचालक कृषि ने समान्य प्रशासन विभाग के 29 अगस्त 2016 के सर्कुलर के आधार पर यह आवेदन यह कहकर निरस्त कर दिया कि इसके दो भाई सरकारी सेवक हैं।
इससे परेशान याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के जरिये याचिका पेश की. सुनवाई मे अधिवक्ता ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता अपने माता पिता के साथ रहकर उन पर ही आश्रित थी। दोनों भाई सरकारी सेवा में होने के बाद भी किसी तरह की मदद बहन को नहीं करते हैं। प्रकरण पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी ने याचिका मंजूर करते हुए उत्तरवादि को निर्देशित किया है कि मामले में जांच के बाद यह पाया जाता है कि याचिकाकर्ता भाइयों से अलग रहते हुए जीवनयापन कर अपनी माता पर आश्रित है तो उस स्थिति में अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जाए।