रायपुर. श्री भूपेश बघेल ने राम वन गमन पथ की विस्तृत कार्य-योजना तैयार करने के निर्देश मुख्य सचिव को जारी कर दिये हैं और पूरी कार्य योजना को 10 दिन के अंदर बनाने के निर्देश दिए गए हैं. छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ में आने वाले स्थलों में से 8 स्थलों-सीतामढ़ी-हरचैका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा और जगदलपुर को चिह्नित कर पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसके लिए खुद प्रदेश के मुख्य सचिव आरपी मण्डल अपने आला अधिकारियों के साथ राजिम समेत उन सभी जगहों का निरीक्षण कर रहे हैं, जहां-जहां पर भगवान राम गये थे.
प्रदेश में पहले चरण के आठ स्थलों को विकसित करने के बाद राम वनगमन मार्ग के 16 जिलों के बचे हुए 43 स्थलों का प्लान तैयार होगा. शोध के आधार पर इन स्थलों को राज्य सरकार ने अपनी सूची में शामिल कर लिया है, लेकिन इन स्थलों का विकास करने में समय लग सकता है. बता दें कि छत्तीसगढ़ का भगवान राम से काफी करीब का नाता है. माता कौशल्या खुद छत्तीसगढ़ की राजकुमारी थीं. वहीं भगवान राम ने भी अपने वनवास के दौरान काफी वक्त छत्तीसगढ़ में गुजारा था.
ये है ऐतिहासिक मान्यता
आज भी छ्त्तीसगढ़ में पौराणिक, धार्मिक व ऐतिहासिक मान्यताओं के आधार कई ऐसे स्थान मिल जाएंगे, जिन्हें भगवान राम से जोड़कर देखा जाता है. यह प्रोजेक्ट भूपेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है.सरकार ने इसे विकसित करने के लिए बजट में 10 करोड़ की राशि को रखा है.