रायपुर. छत्तीसगढ़ में आदिवासियों पर विभिन्न जुर्म में दर्ज 91 प्रकरणों को राज्य सरकार वापस लेगी. रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक ने इसके लिए राज्य सरकार को अपनी अनुशंसा भेज दी है. राजधानी रायपुर में दो दिनों तक हुई समीक्षा बैठक में कुल 234 प्रकरणों पर विचार किया गया, जिसमें 91 प्रकरणों को अभियोजन से वापस लेने की जस्टिस पटनायक की कमेटी ने अपनी अनुशंसा दे दी है. जबकि 81 प्रकरण को न्यायालय से निराकरण की अनुशंसा की गयी है.
इसके अलावा 62 प्रकरणों को वापसी के योग्य नहीं माना गया है. इससे पहले अक्टूबर 2019 में कमेटी ने 313 प्रकरणों को वापस लेने की अनुशंसा की थी. ये 8 जिलों के अनुसूचित जनजाति वर्ग के मामले थे. इसमें बस्तर संभाग के सभी 7 जिले और दुर्ग संभाग का एक जिला राजनांदगांव शामिल है. अब तक 6 महीने में कुल 404 प्रकरणों को वापस लेने की अनुशंसा की गयी है.
सरकार ने बनाई है कमेटी
बता दें कि आदिवासियों पर दर्ज गैरजरूरी प्रकरणों की समीक्षा के लिए भूपेश बघेल सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी ने मई 2019 से अपना काम शुरू किया है. बीते 7 व 8 मार्च को रायपुर में हुई कमेटी की बैठक में गृह विभाग के एसीएस सुब्रत साहू, डीजीपी डीएम अवस्थी, एडी गौतम, सचिव गृह विभाग, डीडी सिंह सचिव आदिम जाति एवं अनुसूचित विभाग, संजय पिल्ले, डीजी जेल समेत पुलिस और प्रशासन के तमाम आला अधिकारी मौजूद थे.