रायपुर | छत्तीसगढ़ के मदनवाड़ा में करीब 10 साल पहले हुई नक्सली हिंसा की जांच के लिए राज्य सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस शंभूनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय आयोग इसकी जांच करेगा। घटना को लेकर आयोग अपनी रिपोर्ट गजट नोटिफकेशन से 6 माह में सौंपेगा। इसको लेकर राज्य सरकार ने 15 जनवरी को अधिसूचना जारी की थी। मदनवाड़ा में हुई नक्सली घटना में तत्कालीन एसपी सहित 29 जवान शहीद हो गए थे।
सरकार का मानना है, सार्वजनिक महत्व के अनेक बिंदुओं पर भ्रम की स्थिति
दरअसल, आयोग 12 जुलाई 2009 को राजनांदगांव जिले के थाना मानपुर के अंतर्गत ग्राम मदनवाड़ा, महका पहाड़ी, ग्राम कारेकट्टा और ग्राम कोरकोट्टी के पास हुई नक्सली घटना की जांच करेगा। इस घटना में राजनांदगांव जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक वीके चौबे सहित 29 जवान शहीद हो गए थे। राज्य सरकार की यह राय है कि मदनवाड़ा नक्सली घटना के 10 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी इसके संबंध में सार्वजनिक महत्व के अनेक महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भ्रम की स्थिति है। इसे दूर करने के लिए एक जांच आयोग नियुक्त करना आवश्यक है।
आयोग इन बिंदुओं पर करेगा जांच
- यह घटना किन परिस्थितियों में घटित हुई
- क्या घटना को घटित होने से बचाया जा सकता था
- क्या सुरक्षा की सभी निर्धारित प्रक्रियाओं-निर्देशों का पालन किया गया था
- वे कौन सी परिस्थितियां थीं जिनके आधार पर पुलिस अधीक्षक एवं सुरक्षा बलों को अभियान में जाना पड़ा
- मदनवाड़ा, कारेकट्टा व कोरकुट्टी में पुलिस अधीक्षक और सुरक्षाबलों के एंबुश में फंसने पर क्या अतिरिक्त संसाधन व बल उपलब्ध कराया गया
- घटना में नक्सलियों को हुए नुकसान और नक्सलियों के घायल, मृत होने के संबंध में जांच
- घटना में मृत और घायल सुरक्षाबल के सदस्य किन परिस्थितियों में मृत व घायल हुए
- घटना के पूर्व, घटना के दौरान व घटना के उपरांत ऐसे अन्य मुद्दे, जो घटना से संबंधित हों, इस बाबत् तथ्यात्मक प्रतिवेदन।
- क्या राज्य पुलिस बल और केंद्रीय बल के बीच में समुचित समन्वय रहा है
- भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, सुरक्षा और प्रशासकीय कदम उठाए जाने के संबंध में सुझाव और उपाय।
- अन्य ऐसे महत्वपूर्ण बिंदु जो घटना से संबंधित हों।
मुख्यमंत्री ने शहीद विनोद चौबे की प्रतिमा अनावरण के दौरान की थी घोषणा
सितंबर 2019 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिलासपुर में शहीद विनोद चौबे की प्रतिमा के अनावरण के दौरान इसकी घोषणा की थी। इस कार्यक्रम में शहीद आईपीएस विनोद कुमार चौबे की पत्नी रंजना चौबे और कांग्रेस नेता अटल श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री को जांच की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा था। थाना और विभागीय स्तर पर हुई जांच में इसे नक्सली घटना बताया गया। घटना के समय प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। विपक्ष में रहते हुए खुद भूपेश बघेल ने घटना की न्यायिक या सीबीआई जांच की मांग सरकार से की थी। उन्होंने एसपी की मौत पर साजिश का संदेह का जाहिर किया था।
नक्सलियों ने बारूदी सुरंग विस्फोट किया था
राजनांदगांव शहर से करीब 100 किलोमीटर दूर मानपुर का मदनवाड़ा क्षेत्र है। यहां पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से भी आकर नक्सली घटनाओं को अंजाम देते हैं। 12 जुलाई 2009 को नक्सलियों ने दो जवानों को गोली मार दी थी। सूचना पर एसपी चौबे पुलिस बल के साथ मौके पर रवाना हुए। रास्ते में कोरकोट्टी में नक्सलियों ने बारूदी सुरंग विस्फोट किया। इससे पुलिस वाहन अनियंत्रित हो गया। मौका देख नक्सलियों ने सड़क के दोनों ओर से गोलियां चलाना शुरू कर दी। हमले में एसपी चौबे समेत 29 जवान शहीद हो गए थे। यह नक्सलियों का सुनियोजित हमला माना जाता है।