रायपुर | एम्स में 200 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया है, जहां कोरोना के मरीजों का इलाज होगा। इसी तरह, अंबेडकर अस्पताल ने एक भी मरीज नहीं होने के बावजूद 25 बेड आइसोलेटेड कर दिए हैं। सरकार अमले ने बड़े निजी अस्पतालों में 10 से 15 बेड आइसोलेटेड करवाने के साथ-साथ लगभग 250 बेड की व्यवस्था कर ली है। इस तरह, अगले दो दिन में कोरोना के इलाज के लिए लगभग 500 बेड उपलब्ध हो जाएंगे। जरूरत पड़ने पर बेड की संख्या और बढ़ाई जाएगी।
इधर, एम्स में दो मशीनोें में 44-44 सैंपल जांचने का सिस्टम कल से शुरू होगा, अर्थात अब वहां रोज 88 सैंपल जांचे जाएंगे। यही नहीं, नेहरू मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग में कोरोना की जांच एक-दो दिन में शुरू होने की संभावना है। यहां मशीन एक ही है लेकिन बड़ी है, जिसमें 90 सैंपल रोज लेकर जांचे जा सकते हैं। इस तरह, अगले दो-तीन दिन में रायपुर में रोजाना पौने 2 सौ सैंपलों की जांच का इंतजाम होने जा रहा है।
नेहरु मेडिकल कालेज में एचओडी माइक्रोबायोलाॅजी डा. अरविंद नेरल ने बताया कि यहां कोरोना जांच की अनुमति आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने गुरुवार को ही दी है। अनुमति मिलते ही पुणे स्थित नेशनल वायरोलाॅजी लैब से 1 हजार जांच किट मांगे गए हैं। ट्रांसपोर्टेशन बाधित है, इसलिए किट आने में एक-दो दिन लग सकते हैं। किट पहुंचते ही जांच तुरंत शुरू कर दी जाएगी। इधर, एम्स परिसर में आयुष पीएमआर बिल्डिंग को गुरुवार को पूरी तरह आइसोलेटेड कर दिया गया है। वहां चार काेरोना के मरीजों का इलाज चल रहा है।
प्रबंधन के अनुसार ओपीडी में मरीजों का इलाज बंद कर दिया गया है। इसका फायदा यह हो रहा है कि संभावित संक्रमितों की संख्या रोकने में मदद मिल रही है। ओपीडी के डॉक्टर, नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी आइसोलेटेड वार्ड में लगाई गई है। वहीं अंबेडकर अस्पताल में संचालित इंडियन कॉफी हाउस को बंद कर दिया गया है। इसे सर्दी, खांसी व बुखार के मरीजों की ओपीडी बनाई गई है। डीपी वार्ड को कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि डीपी वार्ड मेडिकल कॉलेज के गेट के पास ही है। ऐसे में संभावित संक्रमित या संदिग्ध मरीजों के आने पर दूसरे मरीज या स्टाफ प्रभावित नहीं होगा।