एडमिशन अलर्ट: बीएससी नर्सिंग की 868 सीटें खाली 12वीं पास को प्रवेश देने की तैयारी

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रायपुर (एजेंसी) | बीएससी नर्सिंग की 868 सीटें खाली हैं। निजी कॉलेजों के दबाव के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल आईएनसी को पत्र लिखकर 12वीं के आधार पर एडमिशन देने की मांग आई है। वहां से अभी अनुमति नहीं मिली है। अनुमति मिलते ही 12वीं बायोलॉजी पास छात्राओं को बीएससी में एडमिशन दिया जाएगा। सबसे बड़ा सवाल यह है कि तीन बार एडमिशन की आखिरी तारीख बढ़ाई गई। इसके बाद भी निजी कॉलेजों के संचालकों का दबाव कम नहीं हुआ और वे एडमिशन की आखिरी तारीख 31 दिसंबर करने की मांग कर दी।

अधिकारियों ने भी आईएनसी को पत्र लिखकर एडमिशन की आखिरी तारीख बढ़ाने की मांग कर दी है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि नर्सिंग में एडमिशन की तारीख बार-बार बढ़ाई जा रही है। सबसे पहले एडमिशन की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर थी। इसके बाद 15 नवंबर, फिर 30 नवंबर इसके बाद तीसरी बार 15 दिसंबर तक एडमिशन की तारीख बढ़ाई गई। अब 31 दिसंबर तक एडमिशन 12वीं के आधार पर देने संबंधी पत्र डीएमई ने लिख दिया है। जानकारों का कहना है कि डीएमई के अधिकारी पूरी तरह निजी कॉलेजों के दबाव में हैं, उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए बार-बार एडमिशन की तारीख बढ़ाई जा रही है। यही नहीं व्यापमं ने प्री नर्सिंग टेस्ट लिया था। नियमानुसार प्री नर्सिंग टेस्ट में क्वालिफाइड छात्राएं ही बीएससी नर्सिंग में एडमिशन के लिए पात्र हैं।

नुकसान कम करना चाहते हैं निजी कॉलेजों के संचालक

12वीं के आधार पर एडमिशन देने से निजी कॉलेजों में एडमिशन होने की संभावना है। कई ने एडमिशन भी दे दिया है। यह सब कवायद निजी कॉलेजों को कम नुकसान हो, इसलिए किया जा रहा है। सीटें खाली होने पर लैप्स हो जाएंगी। इससे संचालकों को कॉलेज के संचालन में परेशानी हो सकती है। यही कारण है कि खाली सीटों को भरने के लिए बार-बार दबाव बनाकर तारीख बढ़वाई जा रही है।

सीटें ज्यादा नौकरी और वेतन कम इसलिए रूचि घटी

प्रदेश में आठ सरकारी समेत 100 से ज्यादा निजी नर्सिंग कॉलेज हैं। इनमें बीएससी नर्सिंग की 4050 से ज्यादा सीटें हैं। यही नहीं जीएनएम की 2312, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की 505 व एमएससी की 369 सीटें हैं। ज्यादातर छोटे निजी अस्पताल व क्लीनिक कम वेतन पर जीएनएम, एएनएम व 12वीं पास छात्राओं से नर्स की नौकरी करवा रहे हैं। उन्हें चार से सात हजार रुपए वेतन दे रहे हैं। जो बड़े निजी अस्पताल हैं, उनमें बीएससी के साथ जीएनएम व एएनएम नर्स भी मिल जाएंगी। जबकि सरकारी मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पतालों में केवल एमएससी, बीएससी नर्सिंग वालों को नौकरी दी जाती है।

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