छत्तीसगढ़: नौकरी नहीं मिलने से हताश युवक ने फंदा लगाकर दी जान, मरने से पहले बहन को व्हॉट्सएप पर भेजी फोटो

बिलासपुर (एजेंसी) | एक युवक ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उसने अपनी बहन के मोबाइल पर मैसेज किया था। इस मैसेज में उसने फंदे की तस्वीर भेजी और जान देने की बात भी कही। हालांकि बहन ने इसे मजाक समझा, लेकिन जब सुबह आवाज देने के बाद भी युवक ने दरवाजा नहीं खोला तो परिजन कमरे में गए, वहां वह फंदे से लटक रहा था। परिजन फंदा काटकर उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि नौकरी नहीं मिलने के कारण युवक तनाव में था। घटना सिविल लाइन थाना क्षेत्र की है।

रात 3:55 पर बहन को संदेश- तू टीचर बन गई… आज तो मर भी नहीं सकता रे…

गंगा नगर फेस-टू निवासी चंद्रेश सिंह कंवर पिता लोमन सिंह (27) एक कॉलेज में बीए सेकेंड ईयर का छात्र था। मंगलवार शाम 6 बजे वह सरकंडा मुक्तिधाम के पास अपने साथी मुकेश जायसवाल के घर गया था। वहां किसी की बर्ड-डे पार्टी थी। रात 1 बजे तक वह घर नहीं आया तो बहन अंकिता ने फोन किया। चंद्रेश ने कहा वह थोड़ी देर में घर पहुंच रहा है। इसके बाद वह सो गई। चंद्रेश घर के ऊपर कमरे में सोता था। चंद्रेश के घर टेंगनमाड़ा से उसका चचेरा भाई ललित कंवर आया था। सुबह जमुना देवी ने उसे चंद्रेश के कमरे में जगाने के लिए भेजा तो उसका कमरा भीतर से बंद था।

ललित ने आवाज लगाई। दरवाजा खटखटाया पर भीतर से कोई जवाब नहीं मिला। इस बात की जानकारी नीचे आकर अपनी बड़ी मां जमुना को दी। जमुना अंकिता के साथ उसके कमरे की ओर भागी। मिलकर दरवाजा धकेला तो खुला गया। भीतर चंद्रेश का शव फंदे पर लटक रहा था। उसने फांसी लगा ली थी। तीनों ने मिलकर फंदा काटा और उसे लेकर एक निजी अस्पताल ले गए, यहां सिम्स ले जाने की सलाह दी। यहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। भाई चंद्रेश ने अपनी बहन को ऊपर के कमरे में बैठकर सोशल मीडिया पर रात को ही इस तरह फंदे का फोटो भेज दिया था।

फोन पर बोला था- एक लड़के ने मुझे मारा है

चंद्रेश को उसकी बहन अंकिता रात को जब बजे फोन किया तो वह एक निजी हॉस्पिटल के बाहर बैठा हैं। बताया कि उसे एक लड़के ने मारा है। कहा-घर आऊंगा तो दिखा दूंगा। अंकिता को लगा कि दोस्त की बर्डर्थ पार्टी में गया है,ड्रिंक किया होगा या मजाक कर रहा होगा। अंकिता ने कहा-तू बस जल्दी घर आ जा। अंकिता ने बताया कि उसका भाई कुछ काम करना चाहता था। बेरोजगार होने के कारण ड्रिप्रेस में रहता था।

3.55 बजे मैसेज, सुबह भी मजाक समझा था

रात 3.55 पर अंकित ने अपनी बहन अंकिता को मैसेज किया। लिखा है-दीदी तुम्हें नाैकरी मिल गई है मुझे तो मौत नहीं मिल रही है। उसने अपनी बहन को पंखे पर चादर लटके वाला फोटो भी भेजा। अंकिता ने यह मैसेज सुबह पढ़ा जरूर पर उसे मजाक लगा और ध्यान नहीं दिया।चंद्रेश की मां जमुनादेवी टीचर है। बीमार होने के कारण वह मेडिकल लीव पर घर में रह रही है। पिता सिंचाई विभाग में बाबू थे। रिटायर हो चुका है। उनकी दिमागी हालत भी ठीक नहीं है। चंद्रेश का एक और भाई है। वह बड़ा प्रमोद बेंगलुरू में इंजीनियर है।

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