छत्तीसगढ़: सकरी तहसील में सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते गिरफ्तार, लोरमी में पटवारियों का घूस मांगने का वीडियो वायरल

बिलासपुर (एजेंसी) | छत्तीसगढ़ के राजस्व विभागों में किस तरह रिश्वतखोरी दीमक बनकर लोगों को चाट रही है, इसका एक बार फिर खुलासा हुआ है। एक ही दिन में रिश्वतखोरी के तीन मामले बिलासपुर से सामने आए हैं। सकरी तहसील में जहां महिलाकर्मी 10 हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ी गई है, वहीं लोरमी में महिला पटवारियों का घूस मांगने का वीडियो वायरल हो रहा है। इसको लेकर जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

सहायक ग्रेड-2 ने कहा- बिना पैसों के काम नहीं होता

दरअसल परसदा गांव निवासी ब्रह्मानंद साहू ने अपनी पैतृक संपत्ति का रिकॉर्ड दुरुस्तीकरण कराने के लिए उपतहसील कार्यालय सकरी में आवेदन दिया है। बार-बार के चक्कर से किसान परेशान हो गया। इस बीच महिला क्लर्क मंजू से संपर्क हुआ तो उसने ब्रह्मानंद से 10 हजार रुपए देने की मांग की। किसान ने यह राशि दे पाने में असमर्थता जाहिर की। इस पर आरोपी सहायक ग्रेड-दो ने कहा कि वहां बिना पैसे के काम नहीं होता। परेशान किसान ने 10 अक्टूबर को इसकी शिकायत एसीबी में की।

स्टिंग में सब कुछ, एसडीएम ने जांच के लिए टीम बनाई

वहीं लोरमी में किसान की जमीन की ऑनलाइन एंट्री करने की एवज में महिला पटवारियों के रिश्वत मांगने का वीडियो सामने आया है। वीडियो में किसान अपनी समस्या को लेकर पटवारी के पास गया था। इस दौरान एक महिला पटवारी ऑनलाइन एंट्री और जमीन का नक्शा काटने के लिए तीन हजार रुपए की मांग कर रही है। दूसरी जमीन के लिए अलग से रुपए देने की बात कह रही है। यह वीडियो वायरल होने के बाद एसडीएम रुचि शर्मा ने नोटिस जारी कर जांच शुरू करा दी है।

किसान उसे एक जमीन बता रहा है तो वह कह रही है कि 283/1 और 282/1 अलग-अलग जमीन है। दाे जगह रिकॉर्ड सुधारा जाएगा। यहां नहीं दाेगे ताे कोर्ट जाअाे , वहां से आदेश आने पर वह कर देगी। किसान 2500 रुपए देने की बात कहता हैै ताे चिढ़कर कहती है कि वह तहसील में आवेदन लगा दे। उतना देना पड़ेगा, नक्शा कटना है, टुकड़ा हाेना है। किसान खाता की ऑनलाइन एंट्री कराने के लिए निवेदन कर रहा है। वहीं मामले में एसडीएम रुचि शर्मा का कहना है कि दोनों पटवारियों को नोटिस जारी कर दिया है।

दो से लेकर पांच साल पहले के मामले

बिलासपुर तहसील में ही नामांतरण के मामले दो से पांच साल से चल रहे हैं। इनमें अतिरिक्त तहसीलदार कोर्ट में 26, एसडीएम कोर्ट में 29 तहसीलदार कोर्ट में 2 और नायब तहसीलदार कोर्ट में 12 मामले चल रहे हैं। इसी तरह रिकार्ड दुरुस्ती के लिए अतिरिक्त तहसीलदार कोर्ट में 14 एसडीएम कोर्ट में 4 तहसीलदार कोर्ट में 2 और नायब तहसीलदार कोर्ट में 5 मामले चल रहे हैं। आबादी स्थलों के निपटारे के मामले पर नजर डाली जाए तो नायब तहसीलदार कोर्ट में 26 और अतिरिक्त तहसीलदार कोर्ट में 10 मामले चल रहे हैं। विविध राजस्व मामलों में एसडीएम कोर्ट में 12 और नायब तहसीलदार कोर्ट में 3 मामले ऐसे हैं जो 2 से 5 वर्ष के बीच के हैं।

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