छत्तीसगढ़: बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बनी अमित जोगी की गिरफ्तार, पार्टी के बड़े चेहरों ने किया मामले से किनारा

 

बिलासपुर (एजेंसी) | नागरिकता (Citizenship) मामले में फंसे छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के पूर्व सीएम अजीत जोगी (Ajit Jogi) के बेटे और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी (Amit Jogi) को जेल भेज दिया गया है। मंगलावर को बिलासपुर (Bilaspur) की लोवर कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज 14 दिनों की न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया है।

अमित जोगी की गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में खलबली मच गई है। अमित जोगी की गिरफ्तारी भले ही बीजेपी की प्रत्याशी रही समीरा पैकरा की शिकायत पर हुई है। लेकिन प्रदेश बीजेपी (BJP) संगठन का इस मामले में रूख क्या है, ये अब तक साफ नहीं हो पाया है। वहीं पार्टी के सारे बड़े चेहरों ने इस मामले से किनारा कर लिया है।

क्यों चुप है बीजेपी?

अपनी ही पार्टी की पूर्व प्रत्याशी की शिकायत पर अमित जोगी पर हुई कार्रवाई के बाद बीजेपी पार्टी के बड़े नेता अब भी इस कशमकश में है कि समीरा पैकरा की शिकायत पर कांग्रेस सरकार में हुई इस कार्रवाई को सही बताते हुए समीरा के साथ खड़े रहे या फिर विपक्ष होने के नाते सरकार का विरोध करे। इसलिए पार्टी के सभी बड़े चेहरे इस मामले में खुलकर बोलने से बच रहे है।

इस मसले पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Dr. Raman Singh)  ने कहा था कि अमित जोगी की किस मामले में गिरफ्तारी हुई  है, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। डॉ. रमन सिंह ने मामले को देखने की बात कह दी। तो नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिश (Dharamlal Kaushik) का कहना है कि पहले जो हुआ और अभी जो हो रहा है उससे बीजेपी ज्यादा इटरेस्टेड नहीं है। जो भी हो रहा है सबसे सामने है।

वहीं प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी (Vikram Usendi) ने कहा था कि इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है। मामले पूरा जानने के बाद ही प्रतिक्रिया दी जाएगी. उसेंडी ने दिल्ली में रहने की दलील दी थी। तो वहीं बीजेपी के इस रवैये को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री ने टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) ने बीजेपी पर सवाल खड़े किए हैं। टीएस सिंहदेव का कहना है कि पुराने केस पर कार्रवाई हुई है लेकिन सवाल ये है कि आखिर कार्रवाई पहले क्यों नहीं हुई।

तो क्या अकेली पड़ गई है समीरा पैकरा?

बीजेपी नेताओं के बयानों को सुनकर तो फिलहाल यही लग रहा है कि समीरा पैकरा (Samira Paikra) इस मामले में संगठन से अलग-थलग रह गयी है। लेकिन अब आगे कि क्या कार्रवाई होगी और प्रदेश की सियासत पर इसका क्या असर पड़ेगा, ये तो वक्त आने पर ही पता चल पायेगा। वहीं क्या बीजेपी के बड़े नेताओं के किनारा करने से एक बार फिर कांग्रेस को मौका  मिल जाएगा बीजेपी को अजीत जोगी की सपोर्टर पार्टी कहने का। कांग्रेस तो यहां तक आरोप लगाती रही है कि बीजेपी की सरकार ही इस मामले में अमित जोगी को अब तक बचाती रही है।

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