छत्तीसगढ़: जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों के रिहाई के लिए आज किया गया आंदोलन, हजारो आदिवासी जुटे

बस्तर (एजेंसी) | बस्तर की जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों की रिहाई के लिए आज एक दिवसीय आंदोलन किया गया। सामजिक कार्यकर्ता और आप नेत्री सोनी सोरी ने इलाके के एक दर्जन सरपंचों के साथ दंतेवाड़ा पहुंचकर एसडीएम से आंदोलन किया। एसडीएम ने 9 अक्टूबर को कुआकोंडा में पांच से 6 हजार लोगों की भीड़ के साथ सिर्फ एक दिन आंदोलन करने की अनुमति दे दी थी।

इससे पहले सभी अनिश्चितकालीन आंदोलन करने की मांग कर रहे थे। अब एक दिन की अनुमति के बाद भी आंदोलन जारी रखने की बात कही जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार 5 अक्टूबर से दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर के आदिवासी बस्तर की अलग-अलग जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों की रिहाई की मांग को लेकर पालनार में डटे हुए हैं। आदिवासियों को कुआकोंडा से अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरुआत करनी थी लेकिन आंदोलन के लिए वैधानिक अनुमति नहीं मिलने के कारण सोनी सोरी को गिरफ्तार कर लिया गया था और देर शाम उन्हें जमानत में रिहा किया गया था।

इसके बाद दो दिनों से ग्रामीण पालनार में डटे हुए थे और आंदोलन के लिए अनुमति की मांग कर रहे थे। सोमवार को आंदोलन के लिए अनुमति मिलने के बाद अब गांव-गांव से आदिवासी कुआकोंडा में जमा हुए थे। दंतेवाड़ा के अलावा इस आंदोलन में शामिल होने के लिए बीजापुर और सुकमा से भी हजारों आदिवासी आये थे।

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