बढ़ते राजकोषीय घाटे(Fiscal Deficit) पूरा करने के लिए अधिक नोट छापने की कोई योजना नहीं- आरबीआई

बजट में राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है जबकि पिछले बजट में इसके 3.3 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी।  वहीं अगले वित्त वर्ष 2020-21 के लिये राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि जुलाई 2019 में इसके 3 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी।  

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय बैंक की बढ़ते राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) को पूरा करने के लिये अधिक रुपया छापने की कोई योजना नहीं है।  यह लगातार तीसरा साल है जब सरकार ने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित किया है।  बजट 2020 में राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है जबकि पिछले बजट में इसके 3.3 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी। वहीं अगले वित्त वर्ष 2020-21 के लिये राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि जुलाई 2019 में इसके 3 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी। सरकार का राजकोषीय घाटा दिसंबर अंत में 132 प्रतिशत को पार कर गया है।

दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद संवाददाताओं से कहा, राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिये अतिरिक्त नोट छापने की कोई योजना नहीं है। सरकार ने बजट में राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून के तहत छूट उपबंध का उपयोग किया है। इसके अंतर्गत राजकोषीय घाटा रूपरेखा के लिये 0.5 प्रतिशत वृद्धि की गुंजाइश उपलब्ध है।

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